जर्जर भवन में काम करने को मजबूर नगर निगम के कर्मचारी, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
हरिद्वार। हरिद्वार में नगर निगम को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह खस्ताहाल भवनों को चिंहित कर वहां से लोगों को हटाकर उनकी जिदंगी बचाने का काम करें, लेकिन हरिद्वार नगर निगम जिदंगी बचाना तो दूर अपने ही कर्मचारियों की जिदंगी को खतरे में डाल काम करवा रहा है।
बता दें कि निगम के कई भवन जर्जर हालत में पहुंच चुके हैं। ये भवन कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। धर्मनगरी में निगम के कर्मचारी जिन दफ्तरों में काम कर रहे हैं उन विभागों के दफ्तरों के भवनों का हाल देख आप भी परेशान हो जाएंगे। ऐसी हालत कर ऐसा लगता है कि जैसे नगर निगम खुद किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।
छतों की जर्जर हालत ये बताने के लिए काफी है कि यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसके नीचे बैठकर काम करने वाले कर्मचारी खौफ के साये में काम करने को मजबूर हैं। वहीं के लोगों का कहना है कि बताया जा चुका है कि कई बार आला अधिकारियों से इसकी शिकायत भी की जा चुकी है लेकिन आजतक कुछ नहीं हो पाया है।
जर्जर हो चुके निगम के भवनों के संबंध में जब नगर निगम के निर्माण विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर से पूछा गया तो उन्होंने माना की कुछ भवन बहुत ही खराब हालत में हैं। एक विभाग जो ज्यादा जर्जर है उसे अन्यत्र स्थानांतरित किया जा रहा है और खस्ताहाल बिल्डिंग को जल्द ही दुरुस्त किया जाएगा।
आगे उन्होंने यह भी कहा कि इसके सुधार के लिए एक सर्वे भी पूर्व में किया गया है। कुछ भवनों की मरम्मत भी हुई है और जो शेष हैं उनको भी जल्द ठीक होना है, लेकिन कब होगा इसका उनके पास भी कोई जवाब नहीं है।