उत्तराखंड

जीवनदायिनी सेवा 108 जिले में चल रही राम भरोसे

टिहरी। जिले में 15 मई 2008 को पहली बार आपातकालीन 108 सेवा की शुरूआत की गई थी। पिछले 9 सालों से 108 दिन रात लोगों की सुविधा के लिए तत्पर रहा है, परन्तु मौजूदा समय में ये जीवनदायिनी सेवा स्वयं खस्ताहाल है।

जिले में आपातकालीन 108 सेवा कार्यरत करीब 700 कर्मचारियों को बीते 3 माह से वेतन नहीं दिया गया है, ऐसे में कई कर्मचारी तो नौकरी छोड़ चुके हैं। वहीं कार्यरत कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार स्वयं के पैसों से एंबुलेंस को ठीक करवाया है, जिसके बिल बीते 10 माह से प्रशासन ने लटका रखे हैं। यदि प्रशासन हमारा वेतन जल्द नहीं देती है तो हम आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।

जिला अस्पताल के बाहर खड़ी 108 एंबुलेंस आज खुद की खस्ताहाल स्थिति पर आंसु बहा रही है। इन एंबुलेंस में न ऑक्सीजन सिलेंडर है, न सक्सन मशीन, न दवाएं, न इंजेक्शन और न ही फस्र्ट एड का सामान। यहां तक की मरीजों को लाने ले जाने के लिए स्ट्रेचर तक टूटे हुए हैं।

जिला अस्पताल के सीएमओ डॉक्टर बीएस थपलियाल ने माना कि जिले में 108 सेवा खस्ताहाल है। वहीं 108 सेवा के जिला प्रभारी का कहना है उन्होंने मामले की सूचना स्वास्थ्य विभाग और एनएचएम के डीजी को दे दी है और वे जल्द 108 सेवा को दुरुस्त कर लिया जाएगा।

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