महाराष्ट्र : आत्महत्या करने वाली किसान की बेटी के परिजनों को मदद
परभनी, 24 अगस्त (आईएएनएस)| महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किसान पिता को शादी के खर्च से बचाने के लिए दो सप्ताह पहले आत्महत्या करने वाली लड़की के परिवार को एक लाख रुपये की आर्थिक मदद भेजी है। जिला कलेक्टर पी. सिवा शंकर व परभणी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुशील खोदवेकर (दोनों आईएएस अधिकारी), वसंतराव नायक शेतकारी स्वावलंबी मिशन (वीएनएसएसएम) के अध्यक्ष किशोर तिवारी और अन्य अधिकारियों ने जवलजुता गांव का दौरा किया और मुख्यमंत्री के राहत निधि से पीड़ित परिवार को बुधवार को चेक सौंप दिया।
महाराष्ट्र के बीड क्षेत्र में शिवानी कॉलेज की कक्षा 12 की कला विषय की छात्रा सारिका सुरेश जुते को 9 अगस्त को अपने घर में लटका पाया गया था।
इससे केवल तीन पहले भारी कर्ज से दबे उसके चाचा (किसान) चंडिकादास जुते ने अपने खेत में जहर पीकर आत्महत्या कर ली थी।
सारिका ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि उसे डर है कि कहीं उसके कर्जदार किसान पिता 2018 में उसकी शादी के लिए पैसा जमा करने में नाकाम रहने पर उसके चाचा चंडिकादास की तरह आत्महत्या न कर लें।
एक सप्ताह के भीतर एक परिवार में दो आत्महत्या की खबर पहली बार आईएएनएस (10 अगस्त) ने प्रकाशित की थी। इससे पहले परभणी जिले के इसी गांव में चार अन्य लोगों ने भी आत्महत्या की थी, जो मानसून में बारिश की कमी से खेती को होने वाले नुकसान से आहत थे।
इस प्रतिनिधिमंडल ने इतनी ही धनराशि का चेक अन्य शोक संतप्त परिवारों को भी सौंपा।
मुंबई स्थित एनजीओ ग्रैंड मराठा के ब्रिटेन स्थित एनआरआई रोहित शललातकर ने सारिका के दो भाइयों (जीवनंद कॉलेज में पढ़ रहे बीएससी छात्र सचिन और 12वीं में पढ़ रहे सुनील) को अपनाने का फैसला किया है।
गैर-सरकारी संस्था इन दोनों भाइयों की शिक्षा और स्नातक पूरा होने के बाद अपने समूह में नौकरी देगी।
तिवारी ने गुरुवार को आईएएनएस से कहा कि इस इलाके में किसानों का हाल बेहद खराब है। मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। मानसून के कमजोर रहने से बुवाई नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि न ही कलेक्टर ने और न ही सीईओ ने इस क्षेत्र की दुर्दशा के बारे में कुछ भी जानने की कोशिश की। वीएनएसएसएम ने इसके बाद पहल की। यहां तक की स्थानीय एसडीओ और तहसीलदार भी जवलजुता गांव तभी पहुंचे जब आईएएनएस ने मामले को प्रमुखता से उठाया।