भारत को पर्यटन केंद्र बनने से हमारी मानसिकता रोकती है : मोदी
नई दिल्ली, 22 अगस्त (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि पर्यटन उद्योग में भारत में रोजगार पैदा करने की एक बड़ी क्षमता है, लेकिन एक चीज जो इसे रोक रही है, वह ‘हमारी मानसिकता’ है।
मोदी ने कहा कि पर्यटन केवल सरकारी विज्ञापनों के माध्यम से नहीं बढ़ सकता, लेकिन इसे लोगों के द्वारा फैलाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, लेकिन हमारी मानसिकता ऐसी है कि यदि हम किसी जगह पर जाएं और इसे खूबसूरत खोज लें, तो पहली बात हम कहेंगे कि ऐसा महसूस नहीं होता है कि हम भारत में हैं। फिर हम भारत में पर्यटन कैसे बढ़ा सकते हैं?
मोदी ने कहा, यदि हम अपनी विरासत पर गर्व महसूस नहीं करते हैं, तो हम बाहरी लोगों को ऐसा करने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं।
मोदी ने ये बातें नीति आयोग की ‘चैंपियंस ऑफ चेंज’ कार्यक्रम में लगभग 200 युवा सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि पर्यटन में एक अनजान ‘अज्ञात’ तत्व का डर होता है, लेकिन जब कोई वहां से जुड़े अनुभव साझा करता है, तो वह डर दूर हो जाता है।
उन्होंने कहा, इसलिए पर्यटन विज्ञापन के माध्यम से नहीं, बल्कि मुंह के शब्द के माध्यम से बढ़ सकता है .. मुझे लगता है कि सरकारों से ज्यादा, लोग हैं जो पर्यटन को बढ़ावा दे सकते हैं।
मोदी ने कहा कि भारतीयों को अपनी संपत्ति और अपनी विरासत को प्रोत्साहित करने की प्रकृति नहीं है।
उन्होंने कहा, हमारे पास ऐसी समृद्ध विरासत है कि यदि हम इसे दुनिया के साथ पेश करते हैं, तो वे लाइन लगाए खड़े होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन में रोजगार सृजन की बहुत संभावनाएं हैं और सभी को इसे प्रोत्साहित करने और भारतीय विरासत को बढ़ावा देने के लिए अपने स्वभाव को बदलने के लिए एक साथ आने की जरूरत है।