AIDMK के गुटों का विलय, पन्नीरसेल्वम बने उपमुख्यमंत्री
चेन्नई| तमिलनाडु की राजनीति में सोमवार को भारी बदलाव दिखा और एआईडीएमके दोनों गुटों ने हाथ मिला लिया। अब एआईडीएमके पलनीस्वामी और पन्नीरसेल्वम गुट एक हो गए हैं। पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन के बाद दो धड़ों में बंट गई ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के दोनों गुटों का करीब छह महीने के बाद सोमवार को विलय हो गया। विलय की पूर्व शर्तो के अनुसार, एक गुट के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम को उपमुख्यमंत्री बनाया गया, साथ ही पार्टी ने इस समय जेल में बंद चल रहीं वी. के. शशिकला को पार्टी महासचिव पद से बर्खास्त करने का फैसला भी लिया।
एआईएडीएमके पार्टी के समन्वयक और मौजूदा मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी संयुक्त समन्वयक बनाए गए हैं। जयललिता के मंत्रिमंडल के अनुरूप पन्नीरसेल्वम को वित्त मंत्रालय भी सौंपा गया है। जयललिता के बेहद करीबी रहे पन्नीरसेल्वम जयललिता के जेल जाने के दौरान और उनकी मौत के बाद दोबारा मुख्यमंत्री बनाए गए थे, लेकिन शशिकला के साथ मतभेदों के चलते उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
सप्ताह भर दोनों गुटों के बीच गहन वार्ता चली, जिसमें पन्नीरसेल्वम गुट ने विलय के लिए शशिकला को बर्खास्त किए जाने की सख्त शर्त रखी। शशिकला इस समय भ्रष्टाचार के मामले में बेंगलुरू की जेल में हैं। मुख्यमंत्री पलनीस्वामी ने पार्टी मुख्यालय में एक संक्षिप्त कार्यक्रम में विलय की घोषणा की।
पन्नीरसेल्वम गुट के वरिष्ठ नेता के. पी. मुनुस्वामी और मुख्यमंत्री पलनीस्वामी गुट के नेता और सांसद विथियालिंगम उप संयोजक होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विलय के बाद की एआईएडीएमके के संचालन के लिए एक 11 सदस्यीय मार्गदर्शक समिति गठित की जाएगी। विलय के लिए आयोजित समारोह में परिवारवाद की खिलाफत करने वाले विथियालिंगम ने यह भी घोषणा की कि शशिकला को पार्टी महासचिव पद से बर्खास्त करने के लिए पार्टी की आम परिषद जल्द ही बैठक करेगी।
पन्नीरसेल्वम के विश्वासपात्र के. पांड्याराजन को फिर से सरकार में शामिल कर लिया गया है और उन्हें तमिल राजभाषा एवं तमिल संस्कृति मंत्रालय सौंपा गया है। इससे पहले वह उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके हैं।
पार्टी मुख्यालय पर विलय की घोषणा के बाद पन्नीरसेल्वम ने कहा कि दोनों गुटों के बीच मतभेदों को सुलझा लिया गया है और दिवंगत एमजीआर और जयललिता विरासत और सरकार को बचाने के लिए दोनों धड़ों के नेता साथ आए हैं।
पन्नीरसेल्वम ने इसे ऐतिहासिक विलय करार देते हुए कहा, “हम अलग रह ही नहीं सकते थे। हम सभी जयललिता की संतानें हैं। और हम जो कुछ कर रहे हैं, वह तमिलनाडु की जनता और एआईएडीएमके के 1.5 करोड़ कार्यकर्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर कर रहे हैं।”
उन्होंने विलय के लिए पहल करने के लिए मुख्यमंत्री पलनीस्वामी का आभार व्यक्त किया और कहा, “मैं खुद को भारमुक्त महसूस कर रहा हूं।”