श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के इस फैसले से 70 लाख श्रमिक होंगे लाभावान्तित
लेबर बिल, 1936, 1948, 1965 व 1976 के एक्ट, मजदूरी , विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार, बंडारू दत्तात्रेय, Bandaru Dattatreya
नई दिल्ली : सरकार ने गुरुवार को लेबर बिल लोकसभा में पेश किया। इसके जरिए असंगठित क्षेत्र में सभी श्रेणियों के 40 करो़ड़ से ज्यादा श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी तय करने का काम केंद्रीय स्तर पर किया जाएगा। श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि नए बिल में 1936, 1948, 1965 व 1976 के एक्ट का विलय कर दिया जाएगा।
इस बिल का खास प्रावधान यह है कि किसी मजदूर को तनख्वाह कम दी गई तो उसके नियोक्ता पर 50 हजार रुपए जुर्माना लगेगा। पांच साल के दौरान ऐसा फिर किया तो 1 लाख जुर्माना या 3 माह की कैद का प्रावधान है।
हालांकि नियोक्ता केवल तभी श्रमिक की मजदूरी काट सकता है, जब वह ड्यूटी से गैरहाजिर रहा हो या फिर उसकी वजह से माल को कोई नुकसान हुआ हो।
विपक्ष ने इस बात पर विरोध जताया कि सरकार ने अल्प सूचना पर बिल पेश कर दिया। उधर, श्रम मंत्री का कहना था कि अभी बिल पेश किया गया है, इस पर चर्चा बाद में होगी।
विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार और राष्ट्रीय सुरक्षा अवार्ड पर आयोजित कार्यक्रम में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पहली बार कृषि और गैर कृषि क्षेत्र में न्यूनतम वेतन एक साथ बढ़ाया गया है। सरकार ने अकुशल गैर खेतिहर मजदूरों के लिए भी न्यूनतम वेतन 42 फीसद बढ़ाकर 350 रुपये प्रतिदिन कर दिया है।
दत्रात्रेय ने कहा- हमने बोनस भी 3500 रुपये से 7000 रुपये तक बढ़ाया है। इस बोनस के लिए वाजिब सीमा भी 10,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये की गई है। इससे 65 लाख श्रमिकों को फायदा होगा। ईपीएस-95 में भी न्यूनतम पेंशन एक हजार रुपये निर्धारित कर दी गई है। इससे 20 लाख पेंशन धारकों को फायदा होगा।