हारी बाजी जीते अहमद पटेल, शाह-स्मृति के सिर जीत का शहरा
गांधीनगर/नई दिल्ली। गुजरात में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए मंगलवार को हुए चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच दिन भर चला घमासान आखिर में कांग्रेस के लिए मंगलकारी साबित हुआ।
कांग्रेस की अपील पर कार्रवाई करते हुए इलेक्शन कमीशन ने देर रात दो बागी विधायकों के वोट रद कर दिए। जिससे कांग्रेस के पॉलिटिकल एडवाइजर अहमद पटेल गुजरात से राज्यसभा का चुनाव जीतने में सफल हो गए।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी उम्मीद के अनुसार ही आसानी से जीत हासिल की। लेकिन राज्य से राज्यसभा की तीसरी सीट पर भाजपा के बलवंत सिंह के मुकाबले हारी बाजी जीत कर सूरमा साबित हुए अहमद पटेल लगातार पांचवीं बार राज्यसभा में पहुंचने में कामयाब रहे।
कांग्रेस के भोलाभाई गोहिल और राघवभाई पटेल के वोट रद हो जाने के बाद 174 वोटों की गिनती हुई। जिनमें पटेल को 44 वोट मिले। इससे पहले वोटिंग खत्म होने पर बैलेट पेपर दिखाने वाले बागी विधायकों के वोट रद करने की मांग को लेकर कांग्रेस दिल्ली में इलेक्शन कमीशन पहुंची थी।
दो घंटे के बाद तीन बार भाजपा और कांग्रेस के टॉप डेलिगेशन ने कमीशन के सामने अपने-अपने दावे पेश किए। भाजपा ने तत्काल गिनती शुरू कराने की मांग की तो कांग्रेस ने क्रॉस वोटिंग करने वाले अपने दो विधायकों के वोट रद करने की मांग की।
बदले घटनाक्रम में पूरा इलेक्शन कमीशन बैठक कर मंथन में जुट गया। कमीशन ने वीडियो फुटेज देखने के बाद कांग्रेस की मांग स्वीकार कर ली और दोनों बागियों के वोट रद कर वोटों की गिनती शुरू करने का ऑर्डर दिया।
बता दें कि गुजरात से स्मृति ईरानी और अमित शाह की जीत सुनिश्चित थी, जबकि तीसरी सीट पर कांग्रेस के अहमद पटेल ही अधर में लटके हुए दिख रहे थे। पहले से ही आशंका थी कि मेन टाइम पर कांग्रेस के कुछ विधायक क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं। फिर भी कांग्रेस के नेता आश्वस्त थे। पर वोटिंग के बाद कांग्रेस नेता इलेक्शन कमीशन पहुंच गए।
पी. चिदंबरम, आनंद शर्मा, रणदीप सुरजेवाला जैसे नेताओं के डेलिगेशन ने कमीशन का दरवाजा खटखटाया और हरियाणा, राजस्थान जैसे राज्यों की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा था कि इलेक्शन में वोट दिखाया नहीं जाता है।
ऐसा होने पर वोट इनवैलिड हो जाता है। लेकिन कांग्रेस के दो विधायकों के वोट दूसरों ने भी देख लिए हैं, इसलिए उनका वोट इनवैलिड किया जाए।
सभी जानते हैं कि कांग्रेस अपने विधायकों को क्रॉस वोटिंग करने से नहीं रोक सकी। कांग्रेस डेलिगेशन के जवाब में भाजपा के डेलिगेशन ने भी कमीशन का दरवाजा खटखटाया और तत्काल वोटिंग शुरू करने की मांग की।