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दुजाना के मारे जाने से कश्मीर में विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर प्रतिबंध

श्रीनगर| प्रशासन ने मुठभेड़ के दौरान लश्कर-ए-तैयबा के प्रादेशिक कमांडर अबु दुजाना को मार गिराए जाने के विरोध में प्रदर्शनों के मद्देनजर एहतियात के तौर पर घाटी में प्रतिबंध लगा दिया है। इसके तहत शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया है, इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है और रेल सेवा भी बंद कर दी गई है।

दुजाना की मौत के विरोध में अलगाववादी नेताओं ने बुधवार को बंद का आह्वान किया है। गौरतलब है कि मंगलवार को पुलवामा जिले में लश्कर-ए-तैयबा के प्रांतीय कमांडर अबु दुजाना, उनके सहयोगी आरिफ लालिहारी को मार गिराया गया था जबकि एक प्रदर्शनकारी नागरिक की मौत हो गई थी।

ये प्रतिबंध श्रीनगर के पांच पुलिस थानों खानयार, रैनवाड़ी, नौहट्टा, सफा कदल और एम.आर.गंज के तहत आने वाले क्षेत्रों में लगाया गया है।

अबु दुजाना (28) गिलगिलत-बाल्टिस्तान का स्थानीय निवासी था और यह 2012 से दक्षिण कश्मीर के क्षेत्रों में सक्रिय था। उस पर 15 लाख रुपये का ईनाम था।

दुजाना का सहयोगी आरिफ लालिहारी भी हथियार छीनने से लेकर बैंक लूटने तक कई हत्याओं में शामिल रहा है। अबु दुजाना और आरिफ को मार गिराए जाने के बाद प्रदर्शनों के दौरान तीन नागरिकों को गोलियां भी लगी थी।

श्रीनगर के तीन कॉलेजों के छात्रों ने मंगलवार को इस्लाम और आजादी के समर्थन में नारेबाजी की। छात्रों ने बडगाम, हंदवाड़ा और बांदीपोरा में भी प्रदर्शन किए। प्रशासन ने बुधवार को सभी स्कूलों और विश्वविद्यालयों को बंद करने के आदेश दिए हैं।

कश्मीर विश्वविद्यालय और इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने बुधवार को होने वाली सभी परीक्षाओं को रद्द कर दिया है। घाटी और जम्मू के बीच क्षेत्रों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और रेल सेवाएं बाधित कर दी गई है।

सुरक्षाबलों को फारूक ने दी बधाई

जम्मू कश्मीर नैशनल कान्फ्रेंस के प्रमुख डा फारूक अब्दुल्ला ने सुरक्षाबलों को बधाई दी है। यह बधाई उन्होंने कुख्यात आतंकी अबु दुजाना के मारे जाने पर दी है। अपने बधाई सन्देश में फारूक ने कहा, मुझे उम्मीद है कि सुरक्षाबल इस तरह के अच्छे काम करते रहेंगे ताकि राज्य में शांति बहाल हो सके।

सुरक्षाबलों पर पथराव

सुरक्षाबलों को हकीरपोरा में लोगों के पत्थराव का सामना करना पड़ा। 19 जुलाई को दुजाना और उसके दो साथी सुरक्षाबलों को चकमा देकर भागने में कामयाब रहे थे। पुलिस के अनुसार तीनों ने गोलीबारी की और उसके बाद भाग गए। दुजाना कश्मीर में सबसे वांटेड आतंकी था और उसके सिर पर 15 लाख का ईनाम भी था।

 

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