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सरकार का इन्कार, पुराने नोटों के लिए नहीं देंगे ‘एक और मौका’

नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद जिन लोगों ने साल 2016 के 30 दिसंबर तक अपने पुराने नोट नहीं बदलवाए, केंद्र सरकार ने उनके लिए नोट बदलवाने का एक और मौका देने से सोमवार को इनकार कर दिया और कहा कि ऐसा करने से काला धन नष्ट करने का उद्देश्य खत्म हो जाएगा।

सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल हलफनामे में वित्त मंत्रालय के अवर सचिव टी. नरसिम्हा ने कहा, “लोगों को 500 या 1000 के पुराने नोट जमा कराने के लिए साल 2016 के 30 दिसंबर तक पर्याप्त वक्त दिया गया। नोटबंदी का मुख्य लक्ष्य काले धन को खत्म करना था। अब अगर इस एक और मौका दिया गया तो इस लक्ष्य को पूरा नहीं किया जा सकेगा।”

उन्होंने कहा कि अगर ऐसी अनुमति दी गई तो कई बेनामी लेनदेन होंगे और प्राक्सी यूजर्स पुराने नोट बदलेंगे और काले धन पर रोक नहीं लग पाएगी। उन्होंने अदालत से उस याचिका को खारिज करने की मांग की, जिसमें नोट जमा करने के लिए समय बढ़ाने की मांग की गई है।

शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से चार जुलाई को इस मामले में अपना पक्ष रखने को कहा था। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था अगर कोई व्यक्ति यह साबित करता हो कि उसके पास वैध तरीके से कमाई गई रकम है तो उस व्यक्ति को नोट जमा करने से कैसे महरूम रखा जा सकता है।

पीठ ने यह भी कहा था कि अगर किसी व्यक्ति के पास तय समय में पुराने नोटों को जमा नहीं करा पाने का वाजिब कारण हो तो उसे अपने कारणों को बताने का मौका मिलना चाहिए।

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