खुलासा: असीमानंद ने आतंकी हमलों में RSS चीफ़ को बताया भागीदार
नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र जल्द ही शुरू होनेवाला है लेकिन इससे पहले कांग्रेस की यूपीए सरकार को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। यूपीए सरकार अपने अंतिम दिनों में भागवत को हिंदू आतंकवाद के जाल में फंसाना चाहती थी।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार संघ प्रमुख मोहन भागवत को आतंकियों की सूची में डालना चाहती थी। भागवत को ‘हिंदू आतंकवाद’ के जाल में फंसाने के लिए कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार के मंत्री कोशिश में जुटे थे।
यूपीए सरकार ने अजमेर और मालेगांव में हुई कट्टरपंथी हिंसा के बाद देश में हिंदू आतंकवाद का मुद्दा उछाला। एनआईए पर इस बात के लिए दबाव बना रही थी कि भागवत को घेरा जाए। ये अधिकारी यूपीए के मंत्रियों के आदेश पर काम कर रहे थे, जिसमें तत्कालीन गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे भी शामिल थे।
अधिकारी भागवत को पूछताछ के लिए हिरासत में लेना चाहते थे। जांच और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अभिनव भारत नाम के संगठन की अजमेर और अन्य धमाकों में आरोपित भूमिका के चलते मोहन भागवत से इस मामले में पूछताछ करना चाहते थे।
अधिकारियों को सीधे यूपीए के मंत्रियों से आदेश मिल रहे थे। इनमें उस समय के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे भी शामिल थे जो भागवत को गिरफ्तार कर पूछताछ करवाने की कोशिश में थे।
संदिग्ध हिंदू आतंकी स्वामी असीमानंद ने कारवां मैगजीन को फरवरी 2014 में पंचकुला जेल में रहते हुए हमलों के लिए प्रेरित करने वालों में कथित तौर पर भागवत का नाम लिया।