छत्तीसगढ़ में रोपे जाएंगे 8 करोड़ पौधे : रमन
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने रेडियो प्रसारण ‘रमन के गोठ’ में कहा कि इस वर्ष 20 जुलाई तक प्रदेश में 8 करोड़ पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया है। यह कार्यक्रम हरियर छत्तीसगढ़ योजना के तहत आयोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 20 जुलाई को छत्तीसगढ़ के सभी जिलों, तहसीलों, विकासखंडों और पंचायतों में त्योहार के रूप में पौधरोपण समारोह मनाया जाएगा। जिला कलेक्टरों और वन विभाग के अधिकारियों को इसकी तैयारी के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
उन्होंने कहा किए इस बार खरीफ मौसम में प्रदेश में 48 लाख हेक्टेयर के रकबे में विभिन्न फसलों की बोनी का लक्ष्य है। इसमें से 36 लाख 50 हजार हेक्टेयर में धान, चार लाख हेक्टेयर में दलहन, तीन लाख हेक्टेयर में तिलहन और लगभग डेढ़ लाख हेक्टेयर में साग-सब्जी तथा गन्ना आदि की फसल लगाने का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ने श्रोताओं को बताया किए राज्य में इस वर्ष अनाज, दलहन-तिलहन और साग-सब्जी आदि को मिलाकर 91 लाख 76 हजार मीट्रिक टन फसल उत्पादन का अनुमान है।
डॉ. सिंह ने जानकारी दी कि किसानों को हर चीज सही समय परए बिना किसी दिक्कत के मिलेगी। इस वर्ष खरीफ के लिए 7 लाख 45 हजार क्विंटल बीजों के साथ-साथ 10 लाख 65 हजार मीट्रिक टन खाद का भी इंतजाम किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 1 हजार 989 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी की व्यवस्था है। विगत 13 वर्षो में 6 करोड़ 22 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा गया और किसानों को करीब 64 हजार 730 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। कृषि लागत कम करने के उपाय, अच्छी फसल, खरीदी की शानदार व्यवस्था आदि के कारण किसानों में समृद्धि बढ़ी है।
उन्होंने जानकारी दी कि धमतरी में प्रदेश का पहला किसान-बाजार शुरू किया गया है। जिला प्रशासन की पहल पर ऐसी व्यवस्था की गई है, जिसमें उत्पादक और ग्राहक को नजदीक लाया गया है और मध्यस्थ को हटा दिया गया है।
इस तरह सब्जी उत्पादक किसानों को अपनी उपज का अच्छा दाम मिल रहा है और नागरिकों को सस्ती और ताजी सब्जी मिल रही है। किसान-बाजार में सब्जी उत्पादकों के सत्यापन, पंजीयन, काउंटर आवंटन, तौल-मशीन आदि की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने कहा, “सब्जी की दर एक समिति तय करती है। यहां रोज लगभग डेढ़ टन सब्जी सुबह दो घंटे में बिक जाती है। मैं चाहता हूं कि ऐसी व्यवस्था अन्य जिलों में भी हो।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ पहला राज्य है, जिसने 5 हार्सपावर के पम्पों तक नि: शुल्क बिजली आपूर्ति की सुविधा दी है। प्रति पम्प 7500 यूनिट तक नि: शुल्क बिजली हर साल दी जा रही है। इससे प्रति किसान औसतन 31 हजार रुपये का वार्षिक लाभ मिल रहा है।