बुंदेलखंड में किसान और खेतिहर मजदूर ने दी जान
भोपाल | मध्यप्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के टीकमगढ़ और छतरपुर जिले में रविवार को एक किसान और एक खेतिहर मजदूर ने कर्ज व आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने यह जानकारी सोमवार को दी। टीकमगढ़ जिले के फुटेरा गांव में कर्ज से परेशान होकर बारेलाल अहिरवार (65) ने रविवार को अपने खेत पर लगे पेड़ से लटककर जान दे दी।
परिजनों का कहना है कि बारेलाल ने खेतों की सिंचाई के लिए कर्ज लेकर तीन कुएं खुदवाए, मगर किसी में भी पानी नहीं निकला। उसके दो बेटे हैं और छह एकड़ जमीन है। किसान की प्रधानमंत्री आवास निर्माण योजना के तहत पैसे मिलने के बाद भी हालत नहीं सुधरी और ऊपर से कर्ज वसूली के लिए लोगों का जमावड़ा लगने लगा। इससे घबराकर उसने आत्महत्या कर ली।
खरगापुर थाने के प्रभारी टेक सिंह ने कहा कि बारेलाल बुजुर्ग था। उसके परिवार के लोग कहते हैं कि उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं था और इसी कारण उसने आत्महत्या की है। अभी तक कर्ज की कोई बात सामने नहीं आई है।
उधर, छतरपुर जिले के राजनगर थाना क्षेत्र में रविवार को खेतिहर मजदूर भवानीदीन उर्फ भैयालाल कुशवाहा (36) ने पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली। परिजनों के मुताबिक, मृतक पूर्व में बटाई पर खेती करता था, लेकिन लगातार नुकसान होने के कारण वह मजदूरी करने लगा था।
उसके तीन बच्चे हैं, जिनकी पढ़ाई का बोझ भी वह नहीं उठा पा रहा था। पड़ोसी और वार्ड पार्षद कनछेदी कुशवाहा ने बताया कि कुछ दिनों से आर्थिक तंगी के कारण भवानीदीन तनाव में था। राजनगर थाने के प्रभारी के.एस़ परस्ते ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है। अभी तक आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।