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राजनाथ देगें नक्सलियों को वित्तीय चोट, तैयारी पूरी

नई दिल्ली | केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने  वामपंथी चरमपंथी संगठनों पर वित्तीय अंकुश लगाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि नक्सली हिंसा को रोकने के लिए यह बेहद जरूरी है। राजनाथ ने सोमवार को नई दिल्ली में नक्सल प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ दिनभर चलने वाली एक सुरक्षा समीक्षा बैठक में यह कहा।

केंद्र सरकार ने यह बैठक छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हुए नक्सलियों के हमले के बाद बुलाई है, जिसमें सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए। राजनाथ ने कहा, “आज हमें यह सोचने की जरूरत है कि हमें कोई घटना घटित होने के बाद ही प्रतिक्रिया करनी चाहिए या फिर पहले से ही अधिक सक्रिय होना चाहिए।”

राजनाथ ने कहा कि वामपंथी चरमपंथी समूह देश के लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन वह इसमें कभी सफल नहीं होंगे। गृह मंत्री ने सुरक्षा अभियानों और वामपंथी कट्टरपंथ की रोकथाम के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की जरूरत पर भी बल दिया।

सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण और उनके लिए सुविधाओं पर जोर देते हुए राजनाथ ने कहा, “सुरक्षा बलों के आवासीय शिविरों में ऊर्जा और पानी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “हर खतरे से निपटने के लिए लघु, मध्यम और दीर्घ अवधि की रणनीति के साथ विशिष्ट कार्रवाई योजना बनाने की जरूरत है।”

राजनाथ ने कहा कि सुकमा में 25 सीआरपीएफ जवानों की शहादत से पूरे देश में आक्रोश है। उन्होंने कहा, “मुझे पूरा विश्वास है कि उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। वह दिन दूर नहीं जब यह हिंसा खत्म हो जाएगी।”

गृह मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, दिनभर चलने वाली इस बैठक में छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, मध्यप्रदेश, तेलंगना, उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिवों तथा पुलिस प्रमुखों के साथ ही केंद्रीय मंत्रालयों के सचिव भी हिस्सा ले रहे हैं।

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