अमेरिका ने तिब्ब्ती महिला टीम को नहीं दिया बीजा, किया कनाडा का रुख
धर्मशाला | तिब्बत की एक महिला फुटबॉल टीम की 16 खिलाड़ियों को अमेरिका में ट्रंप प्रशासन के नए आव्रजन कानूनों के कारण टेक्सास में एक टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए वीजा नहीं दिया गया है। वे अब एक टूर्नामेंट में खेलने के लिए कनाडा जाएंगी। टीम की कोच ने मंगलवार को यह जानकारी दी। तिब्बत महिला फुटबॉल टीम की कार्यकारी निदेशक कैसी चाइल्डर्स ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, “हमारी टीम इन गर्मियों में वैंकुवर अंतर्राष्ट्ररीय फुटबॉल समारोह में हिस्सा लेने के लिए कनाडा जाएगी। हमें वीजा मिल गया है और हम जाने के लिए तैयार हैं।”
उन्होंने साथ ही लिखा, “यह किसी भी खेल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मुकाबला करने वाली पहली तिब्बती महिला टीम होगी। जब आप हार नहीं मानते, तब ऐसा ही होता है।” टीम की अधिकांश खिलाड़ी भारत में रहने वाली तिब्बती शरणार्थी हैं, जिनकी उम्र 18 से 20 साल के बीच है।
इन्हें अमेरिका का वीजा देने से फरवरी में मना किया गया था। उस समय ट्रंप प्रशासन नई आव्रजन नीति लाने जा रहा था। टीम ने वीजा आवेदन अस्वीकार किए जाने पर हैरानी जताई है, जबकि अमेरिकी दूतावास का कहना है कि अमेरिकी कानून के तहत ही इस पर फैसला लिया गया है।
टीम ने पूर्व इंग्लिश फुटबॉल खिलाड़ी और प्रबंधक गोर्डन हैरोल्ड जैगो के आमंत्रण पर डलास कप में खेलने के लिए 10 दिन के पर्यटक वीजा के लिए आवेदन किया था। तिब्बती महिला फुटबॉल खिलाड़ियों के अनुसार, अमेरिकी दूतावास ने वीजा रद्द करते हुए उनसे कहा कि उनके पास ‘अमेरिका की यात्रा का सही कारण नहीं है’।
अमेरिकी वीजा मिलने से इनकार किए जाने के बाद उठे विवाद पर केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ने स्पष्ट किया था कि तिब्बती राष्ट्रीय खेल संघ ने खुद को तिब्बती महिला फुटबॉल टीम से अलग कर लिया है।
पत्र के अनुसार, “संघ की अपनी महिला फुटबॉल टीम है, जो भारत में और विदेश में विभिन्न टूर्नामेंट में तिब्बत का आधिकारिक प्रतिनिधित्व करती है।”