छग : आदिवासी संस्कृति से परिचित कराएगा ‘ट्राइबल सर्किट’
रायपुर । छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल आदिवासी बहुल क्षेत्रों में एवं धार्मिक महत्व के स्थलों को भारत सरकार के पर्यटन विभाग के सहयोग से विकसित करा रहा है। इनमें ट्राइबल टूरिज्म सर्किट और रामायण सर्किट शामिल है। क्षेत्र के इन पर्यटन स्थलों में पर्यटकों के लिए अधोसंरचना विकास के साथ खाने, रुकने और मार्केटिंग सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
पर्यटन मंडल के अधिकारियों ने बताया कि इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की विशेष पहल पर पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सौ करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई थी। इसके लिए प्रथम चरण में राज्य पर्यटन मंडल को बीस करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं। इस राशि से ट्राइबल टूरिज्म सर्किट के कार्य प्रारंभ किए गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को आदिवासी संस्कृति का परिचय कराने के लिए विकास कार्य किया जा रहा है। भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत ‘ट्राइबल टूरिज्म सर्किट’ को विकसित करने के लिए जशपुर, कुनकुरी, मैनपाट, अंबिकापुर, महेशपुर, रतनपुर, कुरदर, सरोदा दादर, गंगरेल, कोंडागांव, नाथिया-नवगांव, जगदलपुर, चित्रकूट एवं तीरथगढ़ के पर्यटन स्थलों का विकास किया जा रहा है।
इसी प्रकार पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा रामायण सर्किट के तहत राज्य के शिवरीनारायण, राजिम एवं सिहावा (सप्त ऋषि आश्रम) को दंडकारण्य सर्किट के रूप में विकसित करने के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है।