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 उच्च न्यायालय के सख्‍ती से खनन माफियों में फैली दहशत

उत्‍तराखंड। नैनीताल उच्च न्यायालय के प्रदेश में खनन के रोक आदेश के बाद खनन करने वालों में हड़कंप मच गया है। न्‍यायालय के बाद प्रशासन भी खनन रोकने को कमर कस रहा । जिले में खड़िया , मैग्नेसाइट सहित उप खनिज के आधे दर्जन से अधिक  पट्टे हैं। जिसमें दो दर्जन  पट्टे खनिजों के व 16  पट्टे उपखनिजों के हैं। खनन से प्रति वर्ष साढ़े दस करोड़ का राजस्व मिलता है।
आपको बता दें की पिथौरागढ़ जिले में सरयू, रामगंगा, गोरी , काली नदी सहित अन्य छोटी नदियों गुरजिया गाड़, चरमा नदी आदि में उप खनिजों का खनन होता है। सरयू नदी में सेराघाट, घाट, रामेश्वर सहित आधा दर्जन स्थानों रामगंगा नदी पर नाचनी, थल, किमतोली, मुवानी, गोरी नदी में मदकोट, छोरीबगड़, काली नदी के साथ कई अन्‍य नदियों में खनन जोरों से होता हैं। इन खनिजों पर स्‍थानियों के द्वारा कई बार आवाज उठाई गई जिनको दबा दिया गया। लेकिन कोर्ट के सख्‍ती के बाद हड़कप्‍प मचा है। इस बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि उच्च न्यायालय के नए आदेश के बारे में सूचना मिली है। आदेश के पहुंचते ही प्रशासन खनन को रोकेगा। इसके लिए राजस्व विभाग और पुलिस को खनन वाले क्षेत्रों की स्थिति का पता लगाने के निर्देश दे दिए गए हैं। मिले आदेशों के आधार पर परी कार्रवाई की जा रही है। जिसमें प्रत्‍येक बिंदु पर बारिकी से ध्‍यान रखा जा रहा है।

 

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