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सोनिया, राहुल ने गवाहों की सूची का विरोध किया

नई दिल्ली | कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके पुत्र व पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता जनार्दन द्विवेदी और अन्य से जिरह की मांग की गई है। बचाव पक्ष के वकील ने महानगर दंडाधिकारी लवलीन से कहा कि स्वामी की एक ऐसी स्थिति तैयार करने की, जहां मौजूदा शिकायत में लगाए गए आरोपों की गुंजाइश के इतर एक गंदी जांच हो सकती है। सभी आरोपियों -सोनिया, राहुल, कांग्रेस पार्टी नेता मोतीलाल वोरा, आस्कर फर्नांडीज, सुमन दुबे, और सैम पित्रोदा और यंग इंडियन- ने भारतीय जनता पार्टी भाजपा नेता की याचिका पर एक सामूहिक जवाब दाखिल किया है।
याचिका में पार्टी महासचिव द्विवेदी, एसोसिएटेड जर्नल्स के मुख्य वित्त अधिकारी अशोक गुप्ता, कंपनी सचिव सुरेश कुमार शर्मा और अन्य को गवाह के रूप में सम्मन करने की मांग की गई है।
स्वामी ने अपनी बहस तैयार करने के लिए अतिरिक्त समय की मांग की, जिसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तिथि तय कर दी।
सूची में स्वामी ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के संबंधित अधिकारियों, कंपनी रजिस्ट्रार, शहरी विकास मंत्रालय के भूमि एवं विकास कार्यालय के अधिकारियों और अन्य अधिकारियों से जिरह करने की भी इच्छा जाहिर की है। बचाव पक्ष के वकील तरन्नुम चीमा ने कहा कि स्वामी की याचिका एक नया मामला बनाने की एक कोशिश है, जिसकी कानून में अनुमति नहीं है।
चीमा ने कहा, “शिकायतकर्ता अपने आवेदन के जरिए गवाहों को सम्मन करना चाह रहा है और आवश्यकता व औचित्य बताए बगैर अपनी शिकायत में लगाए गए आरोपों के आधार पर दस्तावेजों की मांग कर रहा है।” चीमा ने अदालत से आग्रह किया कि यह याचिका खारिज कर दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि शिकायत में लगाए गए आरोपों से, जिन गवाहों को सम्मन करने की मांग की गई है, उनका कोई संबंध नहीं है और दस्तावेज इस मामले में जांच की गुंजाइश से बिल्कुल परे हैं।
स्वामी ने यंग इंडियन द्वारा एजेएल के अधिग्रहण में धोखाधड़ी को लेकर एक शिकायत दायर की थी। एजेएल नेशनल हेराल्ड अखबार को प्रकाशित करता है। यंग इंडियन में सोनिया और राहुल गांधी की 38-38 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।

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