स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर जल्द बन जाएगा स्मृतियों का हिस्सा
तिरुवनंतपुरम | पिछले सात दशकों से स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर (एसबीटी) को केरल के अपने बैंक के रूप में जाना जाता रहा है, लेकिन 31 मार्च के बाद यह केवल स्मृतियों का हिस्सा बन कर रह जाएगा। नए वित्त वर्ष में इसका भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) में विलय कर दिया जाएगा। पिछले वित्त वर्ष के अंत तक एसबीटी का कुल कारोबार 1,68,123 करोड़ रुपये था, जिसमें 1,01,119 करोड़ रुपये जमा के तौर पर तथा 67,004 करोड़ बैंक कर्ज के थे।
इस विलय के बाद बैंक के 14,000 कर्मियों (इसमें 5,000 अधिकारी और बाकी लिपिक और अधीनस्थ कर्मी शामिल हैं) और 1,200 शाखाओं (केरल में कुल 880 शाखाएं हैं) का एसबीटी ब्रांड के तहत अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। इनमें से एसबीटी की 400 शाखाओं को बंद कर दिया जाएगा। एसबीटी कर्मचारी संघ के महासचिव के. एस. कृष्णा ने आईएएनएस से कहा, “बैंक के चेक और ड्राफ्ट आदि 31 अगस्त तक प्रचलन में रहेंगे, उसके बाद उन्हें प्रचलन से बाहर कर दिया जाएगा।”
कृष्णा ने कहा, “हमें बताया गया है कि केरल में एसबीटी की 880 शाखाओं में से 204 शाखाओं को बंद कर दिया जाएगा। हालांकि स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआई) की कुल कितनी शाखाओं को बंद किया जाएगा, यह जानकारी नहीं मिली है। यह तय किया गया है कि जहां एसबीटी और एसबीआई दोनों की शाखाएं हैं, वहां अगर एसबीटी की शाखा उसकी खुद की इमारत में है तो उसे बंद नहीं किया जाएगा।”
केरल में एसबीआई के 3,000 कर्मी और 480 शाखाएं हैं। एसबीटी के कर्मियों की संख्या घटाने के लिए बैंक ने वीआरएस योजना लागू की है जो 5 अप्रैल को बंद हो रही है। राज्य की राजधानी स्थित एसबीटी का विशाल मुख्यालय अब एसबीआई का स्थानीय मुख्य कार्यालय बन जाएगा।