उप्र व उत्तराखंड में भाजपा की लहर, 3 राज्यों में कांग्रेस को सफलता
नई दिल्ली | पांच राज्यों के लिए हुए विधानसभा चुनावों की जारी मतगणना के रुझान काफी हद तक स्पष्ट हो चुके हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को दो-तिहाई से अधिक बहुमत मिलता नजर आ रहा है, जबकि तीन राज्यों में कांग्रेस ने सफलता का परचम लहराया है। इन तीन राज्यों में से एक पाकिस्तान की सीमा से सटा पंजाब राज्य है, जहां कांग्रेस ने सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन को करारी शिकस्त दी है। वहीं, तटीय राज्य गोवा और पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हालांकि किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है, लेकिन इन दोनों राज्यों में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है।
उत्तर प्रदेश में त्रिशंकु विधानसभा के सभी चुनावी सर्वेक्षणों को ध्वस्त करते हुए भाजपा दो-तिहाई बहुमत से अधिक की ओर बढ़ती नजर आ रही है। यहां विधानसभा की सभी 403 सीटों के रुझान आ चुके हैं, जिनमें से 268 सीटें पार्टी ने जीत ली है, जबकि 43 पर (कुल-311) आगे है। वहीं, सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी-कांग्रेस के गठबंधन को बस 51 सीटों पर जीत मिली है। इनमें सपा के खाते में 44 सीटें गई हैं, जबकि कांग्रेस ने सात सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं सपा तीन सीटों पर (कुल-54) आगे है। वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) केवल 16 सीटें जीतकर चार पर (कुल-20) आगे है।
भाजपा ने राज्य में पार्टी के इस शानदार प्रदर्शन का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है, जिन्होंने यहां धुआंधार आक्रामक प्रचार अभियान चलाया। भाजपा के नेता योगी आदित्यनाथ ने कहा, “मोदी सरकार के अच्छे कार्यो और अमित शाह (भाजपा अध्यक्ष) की नीतियों ने सफलता दिलाई।” जीत से उत्साहित भाजपा के नेताओं, कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल देखा गया। लखनऊ, दिल्ली स्थित भाजपा कार्यालयों के बाहर बड़ी संख्या में जुटे पार्टी समर्थक एक-दूसरे को जीत की बधाई देते व खुशी से झूमते नजर आए। उनके लिए यह जीत सही मायने में रंगों के त्योहार होली की खुशियां लेकर आई। पार्टी के नेता व कार्यकर्ता होली के रंग में सराबोर नजर आए।
वहीं, कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर निराशा जताते हुए कहा कि यह उसके लिए झटका है। पार्टी प्रवक्ता संजय झा ने कहा, “यह हमारे लिए झटका है। हम बेहद निराश हैं।” संदीप दीक्षित ने कहा, “हमारी पार्टी कंफ्यूज लग रही है।”
पंजाब ने हालांकि कांग्रेस को ढांढस दिया है, जहां पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में पार्टी शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन को सत्ता से बेदखल करने में कामयाब रही। यहां शानदार प्रदर्शन करते हुए पार्टी ने 75 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है, जबकि दो पर (कुल-77) आगे है। वहीं, शिरोमणि अकाली दल-भाजपा गठबंधन केवल 18 सीटें (अकाली दल-15, भाजपा-तीन) जीत सकी है। यहां पहली बार चुनाव लड़ने वाली आम आदमी पार्टी (आप) मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी है, जिसने 20 सीटें जीती हैं।
पार्टी को इस सीमावर्ती राज्य में सरकार बनाने लायक बहुमत की उम्मीद थी, लेकिन इस लिहाज से परिणाम उसके लिए निराशाजनक रहा है। हालांकि राज्य में मुख्य विपक्षी दल के तौर पर उभरने को पार्टी ने एक उपलब्धि बताया। आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने आईएएनएस से कहा, “हमें पंजाब में सरकार बनाने की उम्मीद थी। लेकिन हम नतीजों से निराश हैं। हालांकि राज्य विधानसभा चुनाव में एक नई पार्टी का दूसरे स्थान पर रहना भी बड़ी बात है। इसे कम करके नहीं आंका जाना चाहिए।” उन्होंने कहा कि आप नेताओं को आत्ममंथन करने की जरूरत है कि आखिर इस सीमावर्ती राज्य में सरकार बनाने की पार्टी की कोशिशों में कहां कमी रह गई?
उत्तराखंड में भी भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है। पार्टी को 54 सीटों पर जीत मिली है, जबकि यह तीन सीटों पर (कुल-57) आगे है। यहां सत्तारूढ़ कांग्रेस केवल 11 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी है। यहां भाजपा की आंधी में मुख्यमंत्री हरीश रावत भी बह गए। उन्हें हरिद्वार ग्रामीण सीट से भाजपा के यतीश्वरानंद ने हराया। गोवा में किसी भी पार्टी को बहुमत मिलती नजर नहीं आ रही है। कांग्रेस 14 सीटें जीतकर तीन पर (कुल-17) आगे है, जबकि भाजपा 12 सीटों पर जीत के साथ एक पर (कुल-13) आगे है।
वहीं, इस तटीय राज्य में जोर-शोर से चुनाव अभियान की शुरुआत करने वाली आप अभी तक कहीं नजर नहीं आ रही है। पूवरेत्तर राज्य मणिपुर में भी त्रिशंकु विधानसभा के आसार हैं। यहां भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। पार्टी 24 सीटें जीतकर एक पर (कुल-25) आगे है, जबकि भाजपा 20 सीटें जीतने के साथ एक पर (कुल-21) आगे है।