प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं मनोज सिन्हा, किया खुलासा
गाजीपुर । उत्तर प्रदेश की गाजीपुर संसदीय सीट से सांसद और केंद्रीय रेल एवं दूरसंचार राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने गाजीपुर में कमल खिलाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी गाजीपुर की सभी सीट जीतेगी। साथ ही उनका कहना है कि वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं।सिन्हा ने कहा, “जो लोग यह सोच रहे हैं कि पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान यहां पार्टी नहीं जीती थी तो इस बार भी नहीं जीतेगी, तो यह सोचना बहुत बड़ी भूल होगी।” मनोज सिन्हा ने साक्षात्कार में कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में हालांकि गाजीपुर की सात विधानसभा सीटों में से एक भी सीट भाजपा के खाते में नहीं आई थी, लेकिन इस बार पार्टी जिले की सभी सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाने जा रही है। सिन्हा ने कहा, “जो लोग 2012 के विधानसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में 2017 का चुनाव देख रहे हैं, तो मैं समझता हूं कि ऐसा सोचना भारी भूल होगी। 2012 के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन शानदार रहा था। यदि 2014 के संदर्भ में इस चुनाव को आंका जाए तो यह भी सही नहीं होगा।”
यह पूछे जाने पर कि उप्र सरकार दावा करती है कि काम बोलता है लेकिन आप यूपी में अपराध बोलने का दावा करते हैं। ऐसा क्यों है? सिन्हा ने जवाब में कहा, “उप्र में कानून व्यवस्था के जो हालात हैं, वह किसी से छिपे हए नहीं है। उप्र में काम नहीं अपराध बोलता है। रोजाना हत्या, लूट और अपहरण की घटनाएं हो रही हैं। इससे तो यही लगता है कि अपराध बोलता है।” उप्र के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के प्रधानमंत्री को झूठा कहने के बयान के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा, “मुझे नहीं लगता उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देने की जरूरत है। इस तरह के सवाल के बजाय यदि उप्र के हालात पर बात की जाए तो मैं समझता हूं ज्यादा बेहतर होगा।”
यह पूछे जाने पर कि प्रधानमंत्री को बनारस में लगातार तीन दिन तक रोड शो करने की जरूरत क्यों पड़ी, उन्होंने कहा, “बनारस पीएम का संसदीय क्षेत्र है। वह अपने क्षेत्र में जनता से मिलने के लिए आए थे। पहले दिन हालांकि उनका कोई रोड शो भी नहीं था। वह केवल दर्शन पूजन करने के लिए गए थे।”
मनोज सिन्हा से यह पूछे जाने पर कि गाजीपुर सहित पूरे पूर्वांचल में आपने रेल नेटवर्क के विकास का एक खाका खींचा है, उसमें आप कितने सफल हुए? उन्होंने कहा, “रेलवे केवल गाजीपुर एवं पूर्वांचल के लिए ही नहीं पूरे उप्र के लिए काम कर रहा है। रेलवे में जितना काम हुआ है मैं समझता हूं कि उसे बताने की जरूरत नहीं है। आगे भी रेलवे की तमाम परियोजनाओं में और तेजी लाई जाएगी।”
यूपी में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलने पर मुख्यमंत्री के दावेदारों में सिन्हा के भी शामिल होने की अटकलों पर उन्होंने कहा, “मैं उप्र के मुख्यमंत्री की दौड़ में नहीं हूं। मैं केंद्र में अपने काम से खुश हूं और प्रधानमंत्री ने जो जिम्मेदारियां दी हैं, उसे ही अच्छे ढंग से निभाने का प्रयास कर रहा हूं।” मनोज सिन्हा ने कहा कि उप्र के मुख्मयंत्री अखिलेश यादव ने देश के इतिहास में पहली बार एक अदृश्य मेट्रो का उद्घाटन कर दिया है। पिता मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने उस ट्रेन में सफर कर लिया है, लेकिन वह जनता को कब मिलेगी इसका कोई पता नहीं है।
केंद्रीय रेल राज्य मंत्री ने दावा किया कि उप्र में रेलवे में इतना काम हुआ है, वह आजादी के बाद कभी नहीं हुआ। पूर्वांचल में तेजी से रेलवे स्टेशनों का नवीनीकरण किया जा रहा है। यात्री सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है। रेलवे की कोशिश है कि यात्रियों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं दी जाएं। यह पूछे जाने पर उप्र में चुनाव यदि विकास के नाम पर लड़ा जा रहा है तो फिर श्मशान और कब्रिस्तान के मुद्दे क्यों उछाले जा रहे हैं? उन्होंने कहा, “उप्र की योजनाओं में जिस तरह की मानसिकता अखिलेश यादव की सरकार दर्शा रही थी। उसके बाद यह बात उठानी वाजिब है कि उप्र में वर्तमान सरकार कब्रिस्तान और श्मशान में भी भेदभाव कर रही है।