तमिलनाडु में विश्वासमत पर विधानसभाध्यक्ष के निर्णय का विरोध
चेन्नई | तमिलनाडु में विपक्षी दल द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने राज्य विधानसभा में 18 फरवरी के घटनाक्रम को लेकर एक दिवसीय भूख हड़ताल का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने इसी दिन विधानसभा में विश्वासमत हासिल किया था। डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन का आरोप है कि विधानसभा अध्यक्ष ने पूरे विपक्ष की अनुपस्थिति में पलनीस्वामी सरकार के विश्वास-प्रस्ताव पर वोटिंग को मंजूरी दी, जो प्रक्रियाओं के अनुरूप नहीं है।
भूख हड़ताल की अगुवाई यहां से 350 किलोमीटर दूर तिरुचिरापल्ली में स्टालिन कर रहे हैं। विभिन्न जिलों में अन्य नेता भी विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। डीएमके और अन्य विपक्षी पार्टियों ने 18 फरवरी को मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी की ओर से पेश विश्वास-प्रस्ताव पर गुप्त मतदान या विधानसभा की कार्यवाही एक सप्ताह तक स्थगित करने की मांग की थी।
विधानसभा अध्यक्ष पी. धनपाल ने हालांकि उनकी मांगें स्वीकार नहीं की। इसके बाद डीएमके सदस्य विधानसभा के भीतर ही धरने पर बैठ, जिन्हें बाद में मार्शलों द्वारा हटाया गया। डीएमके ने मंगलवार को एक पत्र जारी किया, जिसमें धनपाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की चेतावनी दी गई है।