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हर उपन्यास को फिल्म में तब्दील करना जरूरी नहीं : नंदिता

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मुंबई | अपनी फिल्म ‘मंटो’ की तैयारी कर रहीं अभिनेत्री और निर्देशक नंदिता दास का कहना है कि उपन्यास और फिल्म दो अलग-अलग माध्यम हैं और दोनों की लोकप्रियता अलग-अलग मायने में है। इसलिए, यह जरूरी नहीं कि हर उपन्यास को फिल्म में तब्दील किया जाए। अभिनेत्री ने कहा, “एक किताब को पढ़ने और एक फिल्म को देखने का अनुभव अलग-अलग होता है। मैंने जब मंटो (सादत हसन मंटो) की कुछ कहानियां पढ़ीं, तो पाया कि ये कहानियां आपको एक अलग अहसास देती हैं। इसलिए, मुझे यह अहसास हुआ कि हर किताब की कहानी को फिल्म में तब्दील करना जरूरी नहीं है।”
युवा लेखक वरुण ग्वालानी की किताब ‘द फर्स्ट स्टोरीटेलर’ के विमोचन पर उपस्थित नंदिता ने इस बात की पुष्टि की है कि ‘मंटो’ फिल्म की शूटिंग 15 मार्च से शुरू होगी।
नंदिता ने कहा कि भले ही यह फिल्म कम बजट में बन रही है, लेकिन कई जाने-माने कलाकारों ने इस फिल्म के छोटे किरदारों को निभाने में भी अपनी रुचि दिखाई है, जिनके नाम जल्द ही जारी किए जाएंगे।

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