वर्ल्ड ट्रेड सेंटर हमले के दोषी ‘ब्लाइंड शेख’ की मौत
वाशिंगटन । न्यूयॉर्क में 1993 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला तथा आतंकवाद के अन्य मामलों की साजिश रचने में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे मिस्र के कट्टर मौलवी उमर अब्देल-रहमान की मौत हो गई। रहमान (78) का अमेरिका के एक जेल में निधन हो गया। जेल के प्रवक्ता ग्रेग नॉर्टन ने कहा कि उत्तरी कैरोलिना के बुटनेर स्थित फेडरल करेक्शनल कॉम्प्लेक्स में प्राकृतिक कारणों से उसकी मौत हो गई। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, नॉर्टन ने कहा कि वह लंबे समय से मधुमेह तथा हृदय रोग से जूझ रहा था।
उसे इस्लामी कट्टरवाद फैलाने के लिए लोगों को अपने झांसे में लेने में महारत हासिल थी, जिन कारणों से हालिया दशकों में मध्य-पूर्व आतंकवाद से जूझ रहा है। उसे ‘ब्लाइंड शेख’ के नाम से जाना जाता था, क्योंकि मात्र 10 माह की आयु में ही उसकी आंखों की रोशनी चली गई थी। 11 साल की उम्र में उसने कुरान के ब्रेल लिपि संस्करण को कंठस्थ कर लिया, जिसके बाद उसे एक इस्लामिक बोर्डिग स्कूल में पढ़ने के लिए भेज दिया गया।
उसने काहिरा यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ थियोलॉजी में पढ़ाई की और फिर काहिरा की ही अल-अजहर यूनिवर्सिटी से मानद उपाधि ली। इसके बाद उसने मिस्र की धर्मनिरपेक्षता का विरोध करने वाले सबसे मुखर व प्रख्यात मौैलवी के रूप में अपनी पहचान बनाई। सन् 1980 दशक के मध्य में रहमान अफगानिस्तान गया, जहां उसने अल-कायदा के पूर्व नेता ओसामा बिन लादेन के साथ घनिष्ठ संबंध बनाया। मौलवी सन् 1990 में अमेरिका आया और न्यू जर्सी की एक मस्जिद में पढ़ाना शुरू किया।
फरवरी 1993 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के पार्किं ग गैराज में हुए बम विस्फोट में छह लोगों की जान गई थी, जबकि 1,000 से अधिक लोग घायल हुए थे। कुछ संदिग्धों को न्यूजर्सी की उस मस्जिद में बार-बार आते-जाते देखा गया था, जिसमें रहमान पढ़ाता था।
रहमान पर अगस्त 1993 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर बम विस्फोट व न्यूयॉर्क में हमले के कई अन्य प्रयासों में साजिश का अभियोग लगाया गया।
अक्टूबर 1995 में उसे दोषी पाया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। फॉक्स न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ओसामा बिन लादेन ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 11 सितंबर, 2001 को हुए हमले की प्रेरणा रहमान से लेने की बात कही थी। इस हमले में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पूरी तरह तबाह हो गया था।