चुनाव विजयी रथ पर सवार होने को टोटको का सहारा
जनता की नजर में भले ही अधिकांश उम्मीदवार जीत पाने में असमर्थ हो लेकिन चुनाव में सभी उम्मीदवार अपनी सफलता की पूरी आस लगा के रखे हैं। हो भी क्यों न, नेता जी मेहनत भी तो कर रहे है विजयी रथ पर सवार होने के लिए वे सुबह से ही घर से निकल रहे हैं और देररात तक लोगों के दरवाजे पर स्कूली बच्चे की तरह से हाजरी लगाते हैं।
हर दर पर दस्तक देकर वे अपनी सफलता को और बड़ा मान रहे हैं। इसमें कई प्रत्याशी शगुन मनाकर निकलने से भी पीछे नहीं हैं। कुछ सुबह शहद खाकर निकल रहे हैं तो कुछ दिन देखकर उसी हिसाब से वस्त्र पहनकर प्रचार में जुट रहे हैं। पार्टी के कार्यकर्ता और निर्दलीय, सभी अपने अपने तरीके से शगुन बनाने में जुटे हैं। जीत का सहरा शगुन से ही मिलने की उन्हें पूरी उम्मीद है। एक पार्टी के प्रत्याशी दिन के हिसाब से अलग अलग रंग के स्वेटर बदल रहे हैं।
कुछ उम्मीदवार इस तरह से है की वो तो अगूंठी, तेल दान स्वारूप कुछ वस्तुओं को पहनना व दान देना भी जारी रखा। वहीं कुछ के अपने तौर तरीके भी शामिल हैं।