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गोल्फ : इंडियन ओपन का 9 मार्च से डीएलएफ गोल्फ क्लब में

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नई दिल्ली | मौजूदा विजेता एस.एस.पी चौरसिया और अनिर्बान लाहिड़ी हीरो इंडियन ओपन के इस साल होने वाले 54वें संस्करण में एक बार फिर वापसी करेंगे। इस टूर्नामेंट में इन दोनों के अलावा भारतीय गोल्फ के कई बड़े नामों के उतरने की उम्मीद है। इंडियन ओपन के 2017 संस्करण की शुरुआत नौ मार्च से हो रही है जो 12 मार्च तक गुड़गांव के डीएलएफ गोल्फ एंड कंट्री क्लब के गैरी प्लेअर कोर्स पर खेला जाएगा। इसकी घोषणा की गई। टूर्नामेंट नौ साल बाद इस क्लब में वापसी कर रहा है।
इस टूर्नामेंट में चैरसिया और लाहिड़ी के अलावा भारत के ही गगनजीत भुल्लर, जीव मिल्खा सिंह, ज्योति रांधवा, अर्जुन अटवाल, राशिद खान, शिव कपूर और राहिल गंगजी भी हिस्सा ले सकते हैं।
यह टूर्नामेंट एस.चिक्का, शुभांकर शर्मा और खलिन जोशी जैसे भारत के उभरते युवा गोल्फ खिलाड़ियों के लिए अपने आप को साबित करने का बेहतरीन मौका है।
टूर्नामेंट में खेलने वाले खिलाड़ियों की अंतिम सूची इसकी शुरुआत से कुछ दिन पहले घोषित की जाएगी।
इस साल पुरस्कार राशि को बढ़ाकर 17.5 लाख रुपये कर दिया गया है। यह टूर्नामेंट गैरी प्लेयर कोर्स पर खेला जाने वाला पहला अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट होगा। इससे पहले सिर्फ एक बार 2009 में ही डीएलएफ क्लब में यह टूर्नामेंट खेला गया था, लेकिन वह संस्करण क्लब के अर्नल्ड पाल्मर कोर्स पर खेला गया था।
एशियाई टूर के मुख्य परिचालन अधिकारी चो मिन थांट ने कहा, “एशियाई टूर की ओर से हम अपने 2017 के कार्यक्रम में एक बार फिर इंडियन ओपन का स्वागत करते हुए खुशी महसूस कर रहे हैं। अनिर्बान लाहिड़ी ने 2015 में खिताब जीता था जबकि गत विजेता एसएसपी चैरसिया ने एशिया टूर में भारत का गौरव बढ़ाया है। यह टूर्नामेंट तेजी से बढ़ता जा रहा है।”
भारती गोल्फ संघ (आईजीयू) के अध्यक्ष सतीश अपराजित ने कहा, “इंडियन ओपन आधे दशक से अधिक समय तक भारतीय गोल्फ यूनियन का गौरव रहा है और पिछले वर्षों में बहुत ही उत्कृष्ठ स्तर का खेल इसमें देखने को मिला है। हमारे लिए भारतीयों को इंडियन ओपन जीतते हुए देखना बहुत बड़ी खुशी है क्योंकि इससे यह पता चलता है कि भारतीय गोल्फ सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।”
ओलंपिक खिलाड़ी चैरसिया और लाहिड़ी का इंडियन ओपन में लंबी प्रतिस्पर्धा का इतिहास रहा है। पिछले तीन संस्करणों में प्रत्येक संस्करण में इन दोनों में से एक ने या तो खिताब जीता है या दूसरे स्थान पर रहा है।  2016 में, चैरसिया ने हमवतन लाहिड़ी और कोरियाई वांग ज्युंघन को हराकर यह ट्रॉफी जीती थी। इससे एक साल पहले 2015 में लाहिड़ी ने चैरसिया को हराया था।  दिलचस्प बात यह है कि 2013 में टूनार्मेंट की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर, लाहिड़ी और चैरसिया को ही बांग्लादेश के सिद्दिकुर रहमान ने दूसरे नंबर पर धकेल दिया था।

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