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सरकारी संस्थाओं में धार्मिक गतिविधियों पर रोक का आदेश रद्द

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मुंबई | महाराष्ट्र सरकार ने अपने हाल के आदेश को वापस लेने का फैसला किया है, जिसमें सभी सरकारी कार्यालयों और संस्थाओं में सभी किस्म की धार्मिक गतिविधियों पर रोक लगाई गई थी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने यह जानकारी दी। पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने बताया कि उन्होंने (फडणवीस ने) सहयोगी शिवसेना के मंत्रियों के एक प्रतिनिधिमंडल को बताया कि यह आदेश गलती से जारी हो गया था, जिसे वापस ले लिया गया है।
कदम ने फडणवीस से मिलने के बाद मीडिया को बताया, “मुख्यमंत्री ने हमें आश्वस्त किया कि इस आदेश को जारी करने वाले ग्रामीण विकास मंत्रालय के संबंधित अधिकारियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।” इस हफ्ते की शुरुआत में यह शासनादेश जारी किया गया था जिसमें सभी किस्म की पूजापाठ वाली गतिविधियों या उत्सवों को सरकारी विभागों, संस्थानों व शिक्षण संस्थानों में करने पर रोक लगा दी गई थी, साथ ही सभी प्रकार के देवी-देवताओं की तस्वीरों आदि को हटाने का आदेश दिया गया था।
इस आदेश का समर्थन करते हुए कुछ अधिकारियों का कहना है कि यह आदेश सरकारी संस्थाओं की धर्मनिरपेक्ष छवि बनाने के लिए जारी किया गया था। कार्यालयों में धार्मिक क्रियाकलापों के आयोजन से संसाधनों के साथ ही समय, मानव श्रम और धन की भी बरबादी होती है।
इस आदेश का बड़े पैमाने पर विरोध शुरू हो गया, क्योंकि इससे श्रीसत्यनारायण पूजा, गणेशोत्सव, होली और अन्य धार्मिक गतिविधियां सरकारी कार्यालयों में बंद हो जातीं।
इसके बाद गुरुवार को शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने इस कदम का विरोध करते हुए आदेश को तुरंत वापस लेने की मांग की।  ठाकरे ने कहा, “वे कैसे एकतरफा निर्णय ले सकते हैं? क्या आपने हमें भरोसे में लिया था? क्या इस पर राज्य के मंत्रिमंडल में या विपक्षी पार्टियों के साथ चर्चा की गई? इस आदेश को तुरंत वापस लेना चाहिए नहीं तो हम इसे फूंकना शुरू कर देंगे।”

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