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लोगों में डर पैदा कर रही भाजपा-तदेपा : पवन कल्याण

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हैदराबाद | आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग नकार दिए जाने के खिलाफ प्रदर्शन को विफल कर दिए जाने के अगले दिन तेलुगू अभिनेता और जनसेना के प्रमुख पवन कल्याण ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तेलुगू देशम पार्टी (तदेपा) लोगों में डर पैदा कर रही है। ऐसा कर वह शासन नहीं चला सकती। कल्याण ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के वादे से पीछे हटने और अवसरवादी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए दोनों पार्टियों की आलोचना की।
सक्रिय राजनीतिक भूमिका निभाने का पर्याप्त संकेत देते हुए अभिनेता ने कहा कि अगर राज्य को लगातार उसके अधिकारों से वंचित रखा जाता है तो वह सड़कों पर उतरने के लिए अपने परिवार और करियर की बलि देने को तैयार हैं।
कल्याण ने विशाखापत्तनम में गुरुवार को युवाओं के विरोध प्रदर्शनों को विफल करने के लिए तदेपा नीत सरकार द्वारा पुलिस बल के इस्तेमाल पर कड़ी आपत्ति जताई। साल 2014 के चुनावों में तदेपा-भाजपा गठबंधन के लिए प्रचार करने वाले अभिनेता ने उनके कम राजनीतिक अनुभव का हवाला देकर उनका मजाक उड़ाने के लिए भी दोनों पार्टियों की निंदा की। मेगा स्टार और कांग्रेस नेता के भाई कल्याण ने कहा, “जब उन लोगों ने मेरा समर्थन लिया था तो उन्होंने मेरे राजनीतिक अनुभवों के बारे में नहीं पूछा था, लेकिन अब जब मैं राज्य को विशेष दर्जा देने को लेकर सवाल पूछ रहा हूं तो वे कहते हैं कि मेरे पास कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है।”
अभिनेता ने दावा किया, “उन्होंने इस आशा में भाजपा और तदेपा गठबंधन का समर्थन किया था कि वे लोगों की समस्याओं का हल करेंगे।” उन्होंने याद करते हुए कहा कि भाजपा ने 10 वर्षो के लिए आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने का वादा किया था, जबकि तदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने 15 वर्षो के लिए विशेष दर्जा की मांग की थी। कल्याण ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि विशेष पैकेज की घोषणा करने की क्या जल्दबाजी थी। उन्होंने कहा कि एक विशेष पैकेज विशेष दर्जा के समान नहीं है।
अभिनेता ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर केंद्रीय मंत्री जैसा चाहेंगे, वैसा बोलते रहेंगे तो वह चुप नहीं रहेंगे। कल्याण ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय पार्टियां दक्षिण के लोगों के साथ हमेशा से अपने गुलाम जैसा व्यवहार करती रही हैं। उन्हें जानना चाहिए कि क्या होता है जब गुलाम विद्रोह करता है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक पार्टियां हमेशा दक्षिण के साथ भेदभाव करती हैं और राष्ट्रीय मीडिया दक्षिण की समस्याओं को नजरअंदाज करता है।

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