देशभक्ति व जज्बे के साथ देश भर में मना 68वां गणतंत्र दिवस
नई दिल्ली | देश के प्रति समर्पण तथा जज्बे के साथ देश भर में 68वां गणतंत्र दिवस गुरुवार को धूमधाम से मनाया गया। जम्मू एवं कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तथा गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों में गणतंत्र का पर्व मना। राजधानी में भव्य समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने सशस्त्र बलों के परेड की सलामी ली। वहीं असम में गणतंत्र के पर्व में बाधा पहुंचाने के लिए सात बम विस्फोट किए गए। नई दिल्ली में थोड़ी देर तक रुक-रुक कर हो रही बारिश से लगा कि समारोह ढंग से नहीं हो पाएगा, लेकिन आशंका गलत साबित हुई और समारोह समाप्त होने तक बारिश नहीं हुई।
राजपथ के दोनों तरफ लगभग 50,000 लोगों की मौजूदगी ने गणतंत्र दिवस समारोह के लिए समा बांध दिया। इस भीड़ में भारतीय व विदेशी गणमान्य लोग, रंग-बिरंगे परिधान पहने छोटे-छोटे बच्चों सहित आम नागरिक मौजूद थे। परेड के मुख्य अतिथि अबु धाबी के राजकुमार मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ परेड का लुत्फ उठाया। तीनों सेनाओं के प्रमुख राष्ट्रपति ने परेड की सलामी ली। यह उनकी अंतिम सलामी थी, क्योंकि उनका कार्यकाल जुलाई में खत्म हो रहा है।
दिन की शुरुआत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा राष्ट्रपति भवन में तिरंगा फहराने तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर वीरों को श्रद्धांजलि देने के साथ हुई।
परेड की शुरुआत 149 सदस्यीय यूएई सेना की टुकड़ी के मार्च से हुई। मार्च का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल अबूद मुसाबेह अलगफेली ने किया, जिसमें यूएई प्रेंसिडेंसियल गार्ड, वायु सेना, नौसेना, सेना तथा 35 संगीतकार शामिल थे। इसके बाद सेना व अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों ने मार्च पास्ट किया। इस दौरान, अर्धसैनिक कर्मी तथा दिल्ली पुलिस ने भी कदमताल किया।
समारोह के दौरान, स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस तथा एयरबॉर्न अर्ली वॉर्निग एंड कंट्रोल सिस्टम (एईडब्ल्यूएंडसी) का पहली बार प्रदर्शन किया गया। मौसम खराब रहने के बावजूद, तीन लड़ाकू विमानों ने जमीन से 300 मीटर की ऊंचाई पर 780 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी।
एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी द्वारा विकसित तथा हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा निर्मित विमान तेजस चौथी पीढ़ी का विमान है, जो 1,350 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है और इसकी तुलना दुनिया के बेहतरीन लड़ाकू विमानों फ्रेंच मिराज 2000, अमेरिका के एफ16 तथा स्वीडन के ग्रिपेन से की जाती है।
समारोह में पहली बार आतंकवाद रोधी बल राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) भी नजर आई, जिसके 60 कमांडो की एक टुकड़ी ने लोगों को अपने पराक्रम से परिचित कराया और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को औपचारिक सलामी दी। अन्य कमांडो सात वाहनों में सवार थे। सशस्त्र बलों के बाद एक-एक कर राज्यों की झांकियां निकलनी शुरू हुई, जिसमें देश की विविधता की झलक दिखी।
वायु सेना द्वारा फ्लाई पास्ट के बाद परेड समाप्त हुआ, जिसमें विमानों व हेलीकॉप्टर की गड़गड़ाहट से आसमान गूंज उठा। एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टर ने तिरंगे के साथ उड़ान भरी और फूलों की पंखुड़ियों की बरसात की। इस दौरान, असम रेजिमेंट के शहीद हवलदार हंगपन दादा को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति से यह सम्मान हंगपन की पत्नी ने स्वीकार किया। यह शांतिकाल में सैनिकों को दिया जाना वाला सर्वोच्च सम्मान है। हंगपन ने जम्मू एवं कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में शहीद होने से पहले अकेले चार आतंकवादियों को ढेर कर दिया था।
उधर, देश भर के राज्यों में भी गणतंत्र का पर्व उल्लासपूर्वक मनाया गया। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने लखनऊ स्थित विधानसभा की इमारत में तिरंगा फहराया। उन्होंने राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में लोगों से मतदान करने की अपील भी की। वहीं, बिहार में राज्यपाल राम नाथ कोविंद ने पटना में तिरंगा फहराया, जबकि राजस्थान में राज्यपाल कल्याण सिंह ने जोधपुर के उम्मेद स्टेडियम में तिरंगा फहराया।
झारखंड की राजधानी रांची में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने तिरंगा फहराया। देश की सांस्कृतिक राजधानी कोलकाता में राज्यपाल के.एन.त्रिपाठी ने परेड की सलामी ली, जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित अन्य लोगों ने गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया। वहीं, देश के प्रौद्योगिकी केंद्र कर्नाटक के बेंगलुरू में राज्यपाल वजुभाई वाला ने तिरंगा फहराया, जबकि ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में राज्यपाल एस.सी.जमीर ने तिरंगा फहराया तथा परेड की सलामी ली। तिरुवनंतपुर में केरल के राज्यपाल पी.सतशिवम ने तिरंगा फहराया और राज्य को देश के लिए ‘अनुकरणीय’ बनने का आह्वान किया।
तमिलनाडु में मुख्यमंत्री ओ.पन्नीरसेल्वम ने मरीना समुद्र तट पर तिरंगा फहराया। चूंकि महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.एच.विद्यासागर के पास तमिलाडु के राज्यपाल का भी प्रभार है, इसलिए झंडा मुख्यमंत्री ने फहराया।
आंध्र प्रदेश में राज्यपाल ई.एस.एल.नरसिम्हन ने विजयवाड़ा के इंदिरा गांधी स्टेडियम में तिरंगा फहराया। उत्तराखंड में राज्यपाल के.के.पॉल ने कड़ी सुरक्षा के बीच देहरादून के परेड ग्राउंड में तिरंगा फहराया। पंजाब तथा हरियाणा में भी गणतंत्र दिवस समारोह उल्लासपूर्वक मनाया गया। पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने मोहाली में तिरंगा फहराया। पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में राज्यपाल शनमुगनाथन ने तिरंगा फहराया।
उधर, असम में तीन जिलों में सात विस्फोट हुए। पुलिस ने इन विस्फोटों का आरोप यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) पर लगाया है। उग्रवादी समूहों ने पूर्वोत्तर राज्यों में गणतंत्र दिवस का बहिष्कार किया था। हिमाचल प्रदेश में भी धूमधाम से गणतंत्र दिवस समारोह मनाया गया।