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पद्म पुरस्कार पाने वाले गुमनाम नायक

meenakshi amma

नई दिल्ली | गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई। इस साल 89 व्यक्तियों को देश के प्रतिष्ठित पुरस्कारों के लिए चयनित किया गया है। पद्म पुरस्कार पाने वालों में जहां अनेक जानी-मानी हस्तियां हैं, वहीं इस बार कई नाम ऐसे भी हैं जो गुमनाम रहकर देशसेवा में निष्काम भाव से लगे हुए हैं। ट्री मैन के नाम से मशहूर तेलंगाना के दारिपल्ली रमैया हों, 76 वर्ष की आयु में तेज-तर्रार तलवारबाजी करने वाली केरल की मीनाक्षी अम्मा हों चाहे आग में कूदकर पिछले 40 वर्षो के दौरान सैकड़ों लोगों की जान बचाने वाले कोलकाता के बिपिन गनात्रा हों, ये ऐसे कुछ नाम हैं जिन्हें उनकी अथक निष्काम सेवा के लिए इस वर्ष देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री दिया जाएगा।
तेलंगाना के 68 वर्षीय रमैया ने अपना पूरा जीवन ही देश को हरा-भरा करने में लगा दिया है। अब तक वह एक करोड़ से अधिक वृक्ष लगा चुके हैं। उन्हें जहां कहीं भी खाली जमीन दिखाई देती है, वहीं पौधरोपण कर देते हैं।
मीनाक्षी अम्मा की बात करें तो जहां देश में लोग सिर्फ महिला सुरक्षा की बातें और वादे किया करते हैं, वहीं मीनाक्षी केरल के वटकल गांव में वर्षो से स्कूली बच्चियों को तलवारबाजी की स्थानीय शैली ‘कलरीयपट्टू’ सिखा रही हैं। देश के इन गुमनाम नायकों में डॉक्टर दादी के नाम से मशहूर डॉ. भक्ति यादव भी ऐसा ही एक नाम हैं। 91 वर्षीय डॉक्टर दादी स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं और 60 वर्षो से मध्य प्रदेश में गरीब मिल मजदूरों की पत्नियों का मुफ्त में इलाज कर रही हैं। डॉक्टर दादी ने अब तक करीब 1,000 बच्चों का मुफ्त में प्रसव कराया है।
इसी तरह करीमुल हक अपने चलते-फिरते एंबुलेंस के लिए पूरे बंगाल में मशहूर हैं। वाहन के अभाव के चलते अपनी बीमार मां को समय पर अस्पताल न पहुंचा सके करीमुल अब चौबीसों घंटे लाचार रोगियों को अस्पताल पहुंचाते हैं। चाय बागान में काम करने वाले करीमुल हक ने इसके लिए अपनी मोटरसाइकिल को ही एंबुलेंस की शक्ल दी है और अब तक वह करीब 3,000 लोगों की जान बचा चुके हैं।
पद्मश्री के लिए घोषित गुमनाम नायकों में बुनकरों के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीन की इजाद करने वाले तेलंगाना के चिंताकिंदी मल्लेशाम, देश के राष्ट्रीय राजमार्गो पर त्वरित चिकित्सा सेवा मुहैया कराने वाले डॉक्टर सुब्रतो दास, मानव तस्करों के शिकंजे से निकालकर उनका मां की तरह पालन-पोषण करने वाली नेपाली मूल की अनुराधा कोइराला और कर्नाटक के हलक्की आदिवासी समुदाय से आने वाली लोक गायिका सुकरी बोम्मागौड़ा भी शामिल हैं।
इस वर्ष पद्म पुरस्कारों के चयन के लिए गठित समिति में दिग्गज अभिनेत्री वहीदा रहमान, प्रख्यात पत्रकार एस. गुरुमूर्ति और गृह मंत्रालय और मंत्रिमंडल के सचिवों सहित 17 अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।

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