राष्ट्रपति ने कम, स्वीकार्य व स्थिर ब्याज दर की वकालत
कोलकाता | राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कम, स्वीकार्य तथा स्थिर ब्याज दर की वकालत करते हुए कहा कि यह निवेशकों को भारत में धन निवेश करने को उत्साहित करेगा। बंगाल ग्लोबल समिट को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि सभी महत्वपूर्ण वृहद आर्थिक पैमाने मजबूत हैं। हमारे देश में उच्च विकास दर, विवेकपूर्ण राजकोषीय प्रबंधन, निवेशकों के अनुकूल नीतियां तथा महंगाई पर नियंत्रण है।
दो दिवसीय व्यापार सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, “और, मुझे इस बात पर कोई संदेह नहीं कि सभी मानक व अध्ययन यह दर्शाते हैं कि ब्याज दरें कम, स्वीकार्य तथा स्थिर होनी चाहिए। अगर ऐसा हुआ, तो कोई संदेह नहीं कि यह निवेशकों को भारत में निवेश करने को उत्साहित करेगा।”
राष्ट्रपति ने दोहराया कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने कुल मिलाकर जबरदस्त लचीलापन दर्शाया है।
उन्होंने कहा, “बीते 10 वर्षो के दौरान, 2008 के वित्तीय संकट तथा उसके बाद यूरोजोन संकट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था 7.6 फीसदी की दर से बढ़ी है। इन दोनों संकटों का सभी विकसित अर्थव्यवस्थाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ा था।”
नतीजतन, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा विश्व बैंक की रिपोर्ट में दुनिया की अर्थव्यवस्था के अनुमानित विकास को संशोधित किया गया था। राष्ट्रपति ने कहा कि इसका प्रभाव भारत में भी महसूस किया गया, जहां विकास दर 2004-08 के बीच नौ फीसदी से कुछ अधिक रही।
उन्होंने कहा, “2008 के वित्तीय संकट का असर हमारी विकास दर पर पड़ा, लेकिन जल्दी ही हम इससे उबर गए।”