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IRCTC घोटाला मामला: लालू, राबड़ी और तेजस्वी के खिलाफ आरोप तय करने पर फैसला अब 5 अगस्त को

IRCTC घोटाले से जुड़ी बहुचर्चित केस में दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय करने के मामले में सुनवाई टाल दी है। राउज एवेन्यू स्थित विशेष अदालत अब इस मामले में 5 अगस्त को अपना फैसला सुनाएगी।

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने दोनों पक्षों—सीबीआई और आरोपियों के वकीलों—की दलीलें सुनने के बाद 29 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज आरोप तय होने की उम्मीद थी, लेकिन अब यह प्रक्रिया आगामी सुनवाई तक के लिए टाल दी गई है।

क्या है IRCTC घोटाला?

यह मामला वर्ष 2004 से 2009 के बीच का है, जब लालू प्रसाद यादव केंद्रीय रेल मंत्री थे। उन पर आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए उन्होंने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के दो होटलों—BNR रांची और BNR पुरी—के रखरखाव का ठेका एक निजी फर्म, सुजाता होटल्स, को नियमों के खिलाफ जाकर दिया।

सीबीआई का आरोप है कि यह फर्म विजय और विनय कोचर के स्वामित्व में थी और इस सौदे के बदले लालू यादव को तीन एकड़ की कीमती बेनामी जमीन दी गई। इसे कथित रूप से भ्रष्टाचार और लाभ के बदले टेंडर देने की साजिश बताया गया है।

सीबीआई की कार्रवाई और आरोप

सीबीआई ने इस मामले में 7 जुलाई 2017 को प्राथमिकी दर्ज की थी और इसके बाद कई स्थानों पर छापेमारी भी की गई थी। एजेंसी ने इस केस में लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता समेत 14 लोगों को आरोपी बनाया है।

1 मार्च को सीबीआई ने विशेष अदालत में अपने तर्क पूरे किए और सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने की मांग की। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक ने कोर्ट को बताया कि उनके पास पर्याप्त साक्ष्य हैं, जो इस घोटाले की साजिश को साबित करते हैं।अब अदालत 5 अगस्त को यह तय करेगी कि इन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाएगा या नहीं।

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