धर्म, संस्कृति और ज्ञान के ध्वजवाहक हैं वैष्णव ब्राह्मण: CM विष्णुदेव साय

रायपुर। अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ मुंबई की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 13 जुलाई को आयोजित हुई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बैठक में कहा कि प्रभु श्रीराम के ननिहाल और माता कौशल्या की पावन भूमि छत्तीसगढ़ में वैष्णव ब्राह्मण समाज का राष्ट्रीय अधिवेशन आयोजित होना हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है। वैष्णव ब्राह्मण समाज का इतिहास अत्यंत गौरवशाली रहा है। इस समाज की विभूतियों ने छत्तीसगढ़ में दानशीलता की अद्भुत मिसालें स्थापित की हैं।
सीएम साय ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में वैष्णव ब्राह्मण समाज का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। वैष्णव ब्राह्मण समाज ने सनातन धर्म को सशक्त बनाने में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। यह समाज केवल पुरोहित कर्म से ही नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन में भी सक्रिय रहा है। दानशीलता की महान परंपरा का परिचय देते हुए इस समाज ने कभी राजपाट तक दान कर दिए। राजनांदगांव की वैष्णव ब्राह्मण रियासत इसका अनुपम उदाहरण है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि डेढ़ वर्ष के भीतर हमने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अधिकांश गारंटियों को अमल में लाकर पूर्ण किया है। छत्तीसगढ़, प्रभु श्रीराम का ननिहाल रहा है और उन्होंने अपने वनवास का लंबा समय यहीं व्यतीत किया था। हमारी सरकार ने रामलला दर्शन योजना शुरू की है, जिसके तहत अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला के दर्शन कर चुके हैं। मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना को भी पुनः प्रारंभ किया गया है, जिसके अंतर्गत 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिक अपनी आस्था के अनुसार तीर्थ स्थलों का दर्शन कर सकेंगे। दिव्यांगजनों, विधवाओं और परित्यक्ताओं के लिए इस योजना में अधिकतम आयु सीमा नहीं रखी गई है।