Main Slideअन्तर्राष्ट्रीय

इजरायल-ईरान युद्ध गहराया: क्लस्टर बम से हमला, खामेनेई आज दे सकते हैं बड़ा बयान

तेहरान/तेल अवीव: ईरान और इज़रायल के बीच जारी संघर्ष आज अपने आठवें दिन में प्रवेश कर चुका है। दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है और हालात किसी भी समय बड़े युद्ध का रूप ले सकते हैं। बीते 24 घंटों में इजरायली सेना ने ईरान के कई सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया, जिसमें कई ईरानी सैनिकों के मारे जाने की खबर है।

सूत्रों के अनुसार, जिन ईरानी सैन्य अड्डों की मरम्मत कर उन्हें दोबारा हमले के लिए तैयार किया जा रहा था, उन्हें इजरायली सेना ने लक्षित कर पूरी तरह नष्ट कर दिया। इजरायली रक्षा अधिकारियों का दावा है कि वे ईरान की किसी भी नई कार्रवाई को रोकने के लिए आक्रामक रुख अपनाए हुए हैं।

ईरान का रुख सख्त, अमेरिका से भी बात करने से इंकार

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने सरकारी टेलीविजन को दिए एक बयान में स्पष्ट किया कि जब तक इज़रायल अपने हमले नहीं रोकता, तेहरान किसी भी देश से बातचीत नहीं करेगा। हालांकि, ऐसी उम्मीद है कि अराघची जल्द ही जेनेवा में जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों से मुलाकात कर तनाव कम करने के प्रयास कर सकते हैं।

अराघची ने यह भी खुलासा किया कि अमेरिका ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर बातचीत की पेशकश की थी, लेकिन तेहरान ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया है।

क्लस्टर बम के इस्तेमाल का आरोप

गुरुवार को इजरायली सेना ने ईरान पर क्लस्टर बमों से लैस मिसाइल दागने का गंभीर आरोप लगाया। यह पहली बार है जब इस संघर्ष में क्लस्टर बम के इस्तेमाल की पुष्टि हुई है। इजरायली सेना के अनुसार, ईरान ने इन बमों का इस्तेमाल नागरिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से किया।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बयान दिया कि उनका देश ईरान के खिलाफ सैन्य अभियानों को जारी रखेगा और इसके लिए अमेरिका की अनुमति का इंतजार नहीं करेगा। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि इजरायली सेना ईरान की सभी परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाने के लिए तैयार है।

अयातुल्ला खामेनेई आज दे सकते हैं सार्वजनिक बयान

ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई आज जुमे की नमाज़ के दौरान सार्वजनिक रूप से संबोधन दे सकते हैं। इजरायल द्वारा किए गए लक्षित हमलों में कई सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों के मारे जाने के बाद से उनकी सुरक्षा बेहद सख्त कर दी गई है।

युद्ध से इजरायल की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इज़रायल इस युद्ध में प्रतिदिन लगभग 725 मिलियन डॉलर (62 अरब रुपये) खर्च कर रहा है। सिर्फ़ हथियारों और जेट ईंधन पर ही यह खर्च करीब 300 मिलियन डॉलर (26 अरब रुपये) रोज़ाना तक पहुंच चुका है। इजरायली आर्थिक सलाहकारों ने इसे लंबे समय तक टिकाऊ न मानते हुए चेतावनी भी दी है।

 

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close