उत्तर प्रदेशप्रदेश

आदि शक्ति महोत्सव में एकात्म अभियान के अंतर्गत लखनऊ और बाराबंकी के 100 से अधिक ग्राम प्रधानों को किया गया सम्मानित

लखनऊ। श्री रामचंद्र मिशन के हार्टफुलनेस संस्थान द्वारा आदिगुरु लालाजी महाराज जी के 152 वें जन्मोत्सव के अवसर पर आदि शक्ति महोत्सव में एकात्म अभियान के अंतर्गत राजधानी तथा बाराबंकी के 100 से अधिक ग्राम प्रधानों को ग्राम्य विकास के क्षेत्र में सराहनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया। देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में वैश्विक स्तर पर आदि शक्ति महोत्सव का रविवार को आयोजन किया गया। इस क्रम में राजधानी में सम्मान समारोह के अतिरिक्त प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रस्तुत किए गए। एकात्म अभियान पर आधारित नाट्य प्रस्तुति महोत्सव का मुख्य केंद्र बिन्दु रही।

सम्मान समारोह में राजधानी के बीकेटी, मॉल, मलिहाबाद, चिनहट, काकोरी, गोसाईगंज, सरोजनी नगर व मोहनलालगंज ब्लॉक के अतिरिक्त बाराबंकी के ग्राम प्रधानों को सम्मानित किया गया। हार्टफुलनेस की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से मध्य प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, राजस्थान और गुजरात में एकात्म अभियान का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। एकात्म अभियान के अंतर्गत पद्मभूषण कमलेश डी पटेल के मार्गदर्शन में योग और ध्यान के माध्यम से एक स्वस्थ और तनाव मुक्त जीवन शैली जीने वाले समाज की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। वसुधैव कुटुम्बकम और सामाजिक सद्भाव की भावना इस अभियान के मूल में है। उन्होंने बताया कि सच्ची एकता और सद्भावना स्वयं भीतर से शुरू होती है। अपने दिल की गहराई में आध्यात्मिकता की खोज शुरू करने और हम में से प्रत्येक में निहित एकता को अपनाने के लिए यह अभियान प्रेरित करता है।

इस अवसर पर एकात्म अभियान पर आधारित नाट्य प्रस्तुति उमा सक्सेना के लेखन व निर्देशन में प्रस्तुत की गयी। नाटक में प्राणाहुति आधारित हार्टफुलनेस ध्यान से दर्शकों को परिचित करवाया गया। दैनिक जीवन में ध्यान के नियमित अभ्यास से स्वयं के भीतर किस तरह का सकारात्मक परिवर्तन आता है, इसे नाट्य प्रस्तुति में दर्शाया गया। नाटक में एक ऐसे गांव की कहानी को दर्शाया गया है, जहां ग्राम प्रधानी के लिए संघर्ष होता है, विभिन्न धर्म और वर्ग के बीच नफरत की गहरी खाई है। ऐसे में गांव में दूत बनकर एक हार्टफुलनेस प्रशिक्षक आता है, जो गांव के युवाओं और महिलाओं को न सिर्फ योग व ध्यान से जोड़ता है, बल्कि उन लोगों को स्वरोजगार से जुड़ने, सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने तथा शिक्षा से जुड़ने की अलख जगाता है। इन प्रयासों से वह आदर्श गांव बन जाता है।

बड़ी संख्या में ग्राम प्रधानों से उक्त नाटक को देखा और एकात्म अभियान को अपने गांव में संचालित करने के लिए सहमति दी। आदि शक्ति महोत्सव में हार्टफुलनेस जीवनशैली चार मूलभूत अभ्यासों- रिलैक्सेशन, ध्यान, सफाई और प्रार्थना से जुड़े कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। नन्हे-मुन्ने द्वारा कई प्रस्तुतियां भी इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रस्तुत की गयी। प्रस्तुति में हर दिल ध्यान-हर दिन ध्यान के महत्व को दर्शाया गया। इस अवसर पर आयोजित भंडारे में हजार के करीब लोगों ने प्रसाद प्राप्त किया।

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