Main Slideउत्तर प्रदेशप्रदेश

अखिलेश चुने गए सपा अध्यक्ष, शिवपाल व अमर सिंह पर गिरी गाज

Uttar Pradesh Chief Minister and Samajwadi Party leader Akhilesh Yadav addressing a news conference ahead of party's rally in Ranchi, Jharkhand on September 4, 2013. (Photo:IANS)

लखनऊ | उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में सियासी व पारिवारिक झगड़ा शांत होता नजर नहीं आ रहा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सपा से पहले निष्कासन और फिर 24 घंटे के भीतर पार्टी में वापसी के अगले ही दिन  को पार्टी के एक विशेष अधिवेशन में उन्हें मुलायम सिंह यादव की जगह सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। यह अधिवेशन पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव ने बुलाया था। उन्हें भी अखिलेश के साथ शुक्रवार को पार्टी से निकाल दिया गया था और फिर शनिवार को निष्कासन तत्काल प्रभावल से रद्द कर दिया गया था। मुलायम ने हालांकि इस अधिवेशन में शिरकत नहीं की और न ही शिवपाल सिंह यादव इसमें शामिल हुए, बल्कि वरिष्ठ सपा नेता ने इस अधिवेशन को ‘असंवैधानिक’ बताया और प्रतिनिधियों को इसमें शामिल नहीं होने की चेतावनी दी थी।
मुलायम ने एक जनवरी को लिखे पत्र में कहा कि ‘यह पार्टी के संविधान व अनुशासन के विपरीत है और इसका उद्देश्य पार्टी को नुकसान पहुंचाना है।’ पत्र में कहा गया कि ‘जो भी इस अधिवेशन में भाग लेगा, उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।’ मुलायम की ओर से इस आशय का पत्र जारी होने के बावजूद बड़ी संख्या में प्रतिनिधियों ने रामगोपाल की ओर से आयोजित पार्टी के इस विशेष आपात अधिवेशन में शिरकत की। अधिवेशन में अखिलेश को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव पार्टी महासचिव रामगोपाल ने रखा। उन्होंने अधिवेशन में मौजूद लोगों से हाथ उठाकर इसका समर्थन जताने को कहा, जिसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने हाथ उठाकर अपना समर्थन जताया।
पार्टी में दो अन्य प्रस्ताव भी लाए गए, जिनमें से एक मुलायम को सपा का ‘मार्गदर्शक’ बनाने का प्रस्ताव था। उन्होंने कहा कि मुलायम को पार्टी का सर्वोच्च नेता माना जाए। तीसरे प्रस्ताव में उन्होंने शिवपाल सिंह यादव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने और मुलायम के ‘करीबी’ अमर सिंह को सपा से बर्खास्त करने की बात कही। अधिवेशन में मौजूद प्रतिनिधियों ने उत्साह के साथ हाथ उठाकर इन प्रस्तावों के प्रति समर्थन जताया। इसके बाद अधिवेशन को संबोधित करते हुए अखिलेश ने दो टूक कहा कि जो भी पार्टी के खिलाफ साजिश करेगा, वह उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी के लिए कोई भी त्याग करने को तैयार हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि नेताजी के साथ उनका रिश्ता कोई खत्म नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा, “मैं नेताजी का सम्मान जितना पहले करता था, उससे कहीं ज्यादा भविष्य में करूंगा। लेकिन नेताजी का बेटा होने के नाते मेरी जिम्मेदारी बनती है कि उनके और पार्टी के खिलाफ साजिश के खिलाफ मैं खड़ा होऊं।” उन्होंने कहा कि पार्टी में मुलायम की भूमिका अहम बनी रहेगी, पर आशंका जताई कि ‘कुछ लोग’ उन्हें गुमराह कर सकते हैं। शिवपाल और अमर सिंह का नाम लिए बगैर अखिलेश ने कहा, “आने वाले तीन-चार महीने बहुत महत्वपूर्ण हैं, न जाने कौन मिलकर क्या फैसला करवा दे, कौन मिलकर क्या टाइप करवा दे।”
उन्होंने कहा, “साजिशों से पार्टी का लगातार नुकसान हुआ है। उत्तर प्रदेश की सरकार को किसानों, मजदूरों, अल्पसंख्यक सभी वर्गो का समर्थन प्राप्त है और वे चाहते हैं कि सपा की सरकार फिर बने। लेकिन कुछ लोग ऐसा नहीं चाहते। यदि प्रदेश में दोबारा हमारी सरकार बनती है तो सर्वाधिक प्रसन्नता नेताजी को होगी।” उन्होंने विधायकों, नेताओं, कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी वजह से ही पार्टी का मनोबल बना हुआ है।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close