पासपोर्ट बनवाने में सरकार ने दी छूट, कम होगी समस्याएं
देहरादून। भारतीय विदेश मंत्रालय के निर्देशों पर क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय दून ने आवेदकों की कई श्रेणियों को पासपोर्ट के लिए आवेदन करना सुलभ कर दिया है। आवेदक भारी भरकम दस्तावेजों में न उलझे इसका ध्यान रखा गया है। शादीशुदा आवेदकों, तलाक या फिर अन्य कारणों से अलग रह रहे दंपत्तियों, अनाथ बच्चों, सरकारी कर्मचारियों और साधु-सन्यासियों को अब सरकार ने छूट देकर पासपोर्ट बनाना आसान कर दिया है।
पासपोर्ट कार्यालय ने आवेदन के लिए अन्य आवश्यक शर्तों जैसे स्थाई निवास प्रमाण पत्र को बरकरार रखा है। लेकिन कुछ ऐसी श्रेणियां हैं, जिन्हें आवेदन करते समय कई शर्तों पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। आवेदक परेशान न हो इसलिए यह छूट दी गई है। ऐसे अनाथ बच्चे जिनके पास अपनी जन्म तिथि अथवा मैट्रिक पास प्रमाण पत्र की कोई जानकारी नहीं है वह भी अब अपने संरक्षक अथवा जिस संस्थान में पल रहे हैं उसके मुखिया की सहमति का प्रमाण पत्र देकर अपना पासपोर्ट बनवा सकते हैं। इसके अलावा पासपोर्ट आवेदन करते समय शादीशुदा आवेदक से विवाह प्रमाण पत्र जमा करवाने की शर्त हटा दी गई है।
साथ ही सरकारी कर्मचारियों के लिए भी कई शर्तों से छूट दी गई है। ऐसे आवेदकों को संस्थान अथवा कार्यालय से अपना पहचान प्रमाण पत्र अथवा अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिल रहा है तो वह सादे कागज पर अपना पूरा विवरण आवेदन फार्म के साथ जमा कर सकता है। साथ ही इसकी सूचना अपने संबंधित कार्यालय को भी देनी होगी। साधु-सन्यासियों को भी पासपोर्ट आवेदन में छूट दी गई है। इस श्रेणी के लोग अपने गुरु अथवा आश्रम के मुखिया की सहमति का प्रमाण पत्र पहचान के तौर पर जमा करवा सकते हैं। इसके अलावा आधार कार्ड, पेन कार्ड, चुनाव पहचान पत्र में से कोई एक मान्य होगा। साथ ही आधार कार्ड की आवश्यकता पर भी सरकार ने जोर दिया है। यह कदम देश की जनता को सुलभता प्रदान करने के लिहाज से किया गया है।