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नोटबंदी के 50वें दिन भी नकदी संकट बरकरार

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नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले को 50 दिन की अवधि पूरी होने के आखिरी दिन भी देशभर में लोगों को नकदी संकट की समस्या से जूझना पड़ रहा है। कई एटीएम बंद हैं, जबकि जिन एटीएम मशीनों में पैसा है उनके सामने लोगों की लंबी कतारें लगी हैं। हालांकि, ये कतारें नोटबंदी के शुरुआती दिनों की तुलना में छोटी हैं। लोगों की शिकायत है कि कई बैंक प्रति व्यक्ति 4,000 रुपये से ज्यााद नहीं दे रहे हैं जबकि आधिकारिक रूप से सप्ताह में यह सीमा 24,000 रुपये है।
इस पर बैंकों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त नकदी नहीं है। मुंबई के एक कार्यकारी अधिकारी सुधीर मेहता का कहना है, “एटीएम में मेरा अनुभव खीझ वाला रहा है। मुझे कम से कम एक से दो घंटे कतार में लगना पड़ा। मैं आज बैंक गया और प्रबंधक से बहस के बावजूद सिर्फ 4,000 रुपये से निकाल सका।” नई दिल्ली के लाजपत नगर में इलेक्ट्रॉनिक सामानों की दुकान चलाने वाले संजीव सेठी ने बैंक में जाकर गुहार लगाई कि उन्हें अपने कर्मचारियों को पगार देने के लिए 24,000 रुपये की जरूरत है।
मोदी ने आठ नवंबर को देश के नाम संबोधन में 500 और 1,000 रुपये के नोट अवैध घोषित कर दिए थे। उन्होंने कहा था कि यह कदम भ्रष्टाचार और काले धन पर लगाम लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
मोदी की नोटबंदी की घोषणा के बाद से ही चलन में जारी 15.44 लाख करोड़ रुपये या 86 प्रतिशत मुद्रा अवैध हो गई। नोटबंदी एक सप्ताह बाद जब इसके परिणाम गंभीर रूप से लोगों को प्रभावित करते नजर आए तो प्रधानमंत्री ने गोवा में एक भावुक भाषण में लोगों से समस्याओं के निजात के लिए 50 दिन का समय मांगा।

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