कांग्रेस ने सहारा डायरी की जांच की मांग दोहराई
नई दिल्ली | कांग्रेस ने अपनी मांग को दोहराते हुए कहा कि सहारा डायरी में कांग्रेस के सदस्यों सहित जितने भी लोगों के नाम हैं, उन पर लगे आरोपों की पूरी जांच हो। गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान नरेंद्र मोदी द्वारा सहारा समूह से रिश्वत लेने के राहुल गांधी के आरोपों को प्रमाणित करते हुए पार्टी ने ट्विटर पर शीला दीक्षित सहित विभिन्न राजनीतिज्ञों को भुगतान करने की इंट्री की सूची को पोस्ट की। शीला दीक्षित पार्टी की तरफ से उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार हैं। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उन्हें डायरी के बारे में कुछ याद नहीं है और जोर दिया कि उनका किसी डायरी से कोई लेना-देना नहीं है।
सूची के मुताबिक, शीला दीक्षित को 23 सितंबर, 2013 को दिल्ली में एक करोड़ रुपये की रकम दी गई। उस साल दिसंबर 2013 तक वह दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं। इस सूची में नरेंद्र मोदी का भी नाम है। कांग्रेस ने जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री को इस मामले की जांच करानी चाहिए, भले ही उसमें शीला दीक्षित का नाम है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने कहा, “हम इस बात से पूरी तरह अवगत हैं कि कई राजनीतिक पार्टियों व नेताओं खासकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोगों के नाम दस्तावेज में शामिल हैं।” उन्होंने कहा, “कांग्रेस के किसी नेता का नाम हो या नहीं, यह मायने नहीं रखता। मायने यह रखता है कि उसमें प्रधानमंत्री का नाम है।”
प्रवक्ता ने कहा, “दस्तावेजों के आधार पर जिस वक्त मोदी पर आरोप लगा था, उसी वक्त उन्हें खुद जांच के लिए कहना चाहिए था।” यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी मुद्दे की जांच शीला दीक्षित की कीमत पर चाहती है, झा ने कहा, “दस्तावेजों में जिन राजनीतिक पार्टियों व नेताओं के नाम हैं, उनकी जांच की जानी चाहिए और इसकी शुरुआत प्रधानमंत्रं से होनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने खुलेआम मुद्दा उठाया है, और यह मायने नहीं रखता कि उसमें किस राजनीतिक पार्टी और किस नेता का नाम है।”झा ने कहा, “हमें यह साबित करने की जरूरत है कि भ्रष्टाचार हुआ या नहीं। चूंकि मोदी देश के वरिष्ठतम राजनीतिक अधिकारी हैं, इसलिए उन्हें खुद की निष्पक्ष व तटस्थ जांच कराने की जरूरत है।” उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। झा ने कहा, “सरकार चुप क्यों है? क्या मोदी अपनी गलती पर पछता रहे हैं और इसकी वजह से मामले से बच रहे हैं।” प्रवक्ता ने कहा, “अगर वह निर्दोष हैं, तो फिर वह डरे हुए क्यों हैं? उन्हें उन राजनीतिक पार्टियों की जांच करानी चाहिए, जिनके नाम सूची में हैं।”