चार महिलाओं को जिंदा जलाया गया
रांची | पुलिस को 19 वर्षीया इंजीनियरिंग की छात्रा मृत मिली। उसके शरीर के कपड़े उतार कर उसे जलाया गया। झारखंड में हाल में यह चौथी घटना है जिसमें महिला को जिंदा जला दिया गया। इस वारदात के सिलसिले में चार संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है। एक सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान की बी.टेक की छात्रा बुटी बस्ती में अपनी बहन के साथ किराए के मकान में रहती थी। उसकी बहन हजारीबाग जिला स्थित अपने माता-पिता के घर गई थी। इस बीच शुक्रवार को उसका जला हुआ शव बरामद हुआ।
यह घटना तब प्रकाश में आई जब पूरा देश 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली की चलती बस में हुए निर्भया दुष्कर्म और हत्याकांड को याद कर रहा था। 23 वर्षीय पारा मेडिकल छात्रा निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। पुलिस ने बताया कि एक हफ्ते में झारखंड में दुष्कर्म के बाद महिला को जलाकर मार डालने की यह चौथी वारदात है। 14 दिसंबर को सिमडेगा जिले में एक उम्रदराज महिला और उसके पति को जलाकर मार दिया गया था। दोनों पर कथित जादू-टोना करने का आरोप था।
लोहार सिंह (70) और उसकी पत्नी छोटराई देवी(62) को तीन लोगों ने उनके घर से खींच कर पहले पीटा और बाद में सूखी घास की ढेर पर फेंककर जिंदा जला दिया। एक दूसरी महिला को 12 दिसंबर को खूंटी जिले में कथित रूप से तंत्र-मंत्र करने के आरोप में जिंदा जला दिया गया। सरायकेला-खारसावा जिले में इस घटना के चार दिनों बाद एक नाबालिग लड़की को जलाकर कुएं में फेंक दिया गया था। बताया जाता है कि उसने सामूहिक दुष्कर्म के प्रयास का विरोध किया था।
पुलिस के अनुसार चौथी कक्षा में पढ़ने वाली उस लड़की को चॉकलेट देने के बहाने चार लोग जंगली इलाके में ले गए थे जब उन लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया तो वह चिल्लाने लगी जिसके बाद उन अपराधियों ने कथित रूप से उस पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दिया। बाद में उसे कुएं में डाल दिया गया। उसे जब कुएं से निकाला गया तो उसकी सांस चल रही थी। अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया। इस वर्ष अक्टूबर तक राज्य में दुष्कर्म के 1000 से अधिक मामले सामने आए हैं। वर्ष 2015 में भी इतने ही मामले सामने आए थे।
कांग्रेस ने राज्य की भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर महिलाओं के खिलाफ हिंसा रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है। झारखंड कांग्रेस के महासचिव किशोर साहदेव ने आईएएनएस से कहा कि मुख्यमंत्री रघुबर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार नागरिकों खासकर महिलओं की सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करने में विश्वास करती है।
वास्तविकता यह है कि राज्य में महिलाओं के साथ घटी हिंसा की घटनाएं सामने हैं। दास जनता को सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रहे हैं। महिलाओं की हत्या नृशंसता के साथ की जा रही है।