भारत, ताजिकिस्तान चाबहार बंदरगाह से व्यापारिक कड़ी बनाएंगे : मोदी
नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत और ताजिकिस्तान ईरान में चाबहार बंदरगाह से व्यापार परिवहन संपर्क विकसित करने के लिए घनिष्ठतापूर्वक काम करेंगे। मध्य एशियाई देश के साथ आर्थिक संबंध बढ़ाने और दोहरे करारोपण, धन शोधन तथा आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए समझौतों पर दस्तखत करने के बाद मोदी ने ये बातें कहीं। भारत दौरे पर आए ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति एमोमली रहमान से बातचीत के बाद मोदी ने कहा, “हम ईरान में चाबहार बंदरगाह के जरिए व्यापार और पारगमन संपर्क बनाने पर काम करेंगे।” मोदी ने जोर देकर कहा कि वह और रहमान ने दोनों देशों के बीच आर्थिक संबधों, खास तौर पर व्यापार और निवेश की संभावना और पैमाना बढ़ाने पर सहमति जाहिर की है। उन्होंने ताजिकिस्तान को एक अहम मित्र और रणनीतिक साझेदार बताते हुए कहा कि दोनों देश अफगानिस्तान समेत उनके विस्तृत पड़ोस में कई प्रकार की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और ताजिकिस्तान ने दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान कर क्षेत्र में आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है। मोदी ने कहा, “हम इस बात पर सहमत हैं कि अफगानिस्तान में शांति क्षेत्र के लिए काफी महत्वपूर्ण है।” प्रधानमंत्री ने मध्य एशियाई क्षेत्र में अतिवाद, कट्टरवाद और आतंकवाद के खिलाफ एक आधार के रूप में ताजिकिस्तान की भूमिका की सराहना की।
भारत का चार दिवसीय दौरा कर रहे रहमान का पहले राष्ट्रपति भवन में यहां औपचारिक स्वागत किया गया। उनका भारतीय दौरा 14 दिसंबर से 18 दिसंबर तक है।
राष्ट्रपति रहमान के औपचारिक स्वागत के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा कि भारतीय कूटनीति के लिए यह एक विशेष शनिवार है।
भारत और ताजिकिस्तान के बीच 4 समझौते हुए
भारत और ताजिकिस्तान ने चार समझौतों पर दस्तखत किए जिनमें वित्तीय खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान भी शामिल हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, “वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति एमोमली रहमान विभिन्न क्षेत्रों में हुए समझौतों के आदान-प्रदान के गवाह बने।”
धन शोधन, संबंधित अपराध और आतंकवाद के वित्त पोषण से संबंधित वित्तीय खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान के क्षेत्र में सहयोग के लिए भी एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। दोहरे कराधान से बचने और राजकोषीय अपवंचन की रोकथाम के लिए दोनों पक्षों ने एक प्रोटोकॉल पर दस्तखत किए।
श्रव्य और दृश्य कार्यक्रमों के आदान-प्रदान के लिए प्रसारण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए एक अन्य समझौता ज्ञापन पर दस्तखत किया गया। दोनों देशों ने द्विपक्षीय निवेश पर भी एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए।