Main Slideराष्ट्रीय

लोकसभा भारी हंगामें के बीच एक दिन के लिए स्थगित

sumitrafull

नई दिल्ली | लोकसभा में नोटबंदी मुद्दे को लेकर जारी गतिरोध बुधवार को भी जारी रहा। विपक्ष व सत्तापक्ष के बीच तीखी जुबानी जंग के बीच सदन की कार्यवाही बाधित हुई और अंतत: दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। इस दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन पर नाराज नजर आए। जैसे ही मल्लिकार्जुन खड़गे ने सदन में बोलने का प्रयास किया, सत्तापक्ष के सदस्य चिल्लाने लगे। वहीं संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार की आवाज विपक्षी सदस्यों के शोरगुल में दब गई। सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न् 11 बजे जैसे ही शुरू हुई, सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। कुछ मिनट बाद ही सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में मौजूद थे।
दोपहर में जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो विपक्षी सदस्यों ने हंगामे के लिए जैसे पहले से ही कमर कस रखी थी। हंगामे के बीच, अध्यक्ष ने विधेयक को पेश करने की मंजूरी दी, तब बीजू जनता दल (बीजद) के नेता भर्तृहरी महताब ने पूर्व वायु सेना प्रमुख एस.पी. त्यागी की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया। इसके तुरंत बाद खड़गे बोलने के लिए खड़े हुए, लेकिन अध्यक्ष ने कहा कि पहले आसंदी के निकट खड़े कांग्रेस के सदस्यों को अपनी सीट पर जाना चाहिए। इस बीच, जैसे ही खड़गे ने बोलने का प्रयास किया, सत्तापक्ष के सदस्य अपनी सीट पर खड़े होकर ‘नहीं-नहीं’ चिल्लाने लगे।
इससे नाराज खड़गे ने अध्यक्ष पर बरसते हुए कहा, “आपने बीजद को बोलने की अनुमति कैसे दी?”
महाजन ने कहा कि जब महताब को बोलने की अनुमति दी गई, तब बीजद का कोई भी सदस्य आसंदी के निकट खड़ा नहीं था। अनंत कुमार ने इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण दिन करार दिया, लेकिन विपक्षी सदस्य उनपर चिल्लाए।
मंत्री ने कहा, “यह एक बेहद बुरा दिन है। विपक्ष के नेता अध्यक्ष को चुनौती दे रहे हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।” उन्होंने कहा कि सरकार नोटबंदी पर चर्चा के लिए तैयार है और उन्होंने कांग्रेस पर ‘कमीशन एजेंट’ की तरह काम करने का आरोप लगाया, जिसका विपक्षी सदस्यों ने जोरदार विरोध किया। जैसे ही विपक्षी सदस्य सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे, अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close