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अगर वह स्मार्टफोन का एक भी बटन दबा दें या जानती हों उसके बारे में तो बताएं: अखिलेश यादव

Akhilesh Yadav, the chief minister-designate of the northern Indian state of Uttar Pradesh and state party president and son of the Samajwadi Party President Mulayam Singh Yadav, smiles during a meeting with the newly elected legislators at party headquarters in the northern Indian city of Lucknow March 10, 2012. Akhilesh Yadav has won national acclaim by helping return his father to power as chief minister of Uttar Pradesh, India's most populous and politically key state where Rahul Gandhi had hoped to stage a revival for Congress as it prepares to contest national elections in 2014. REUTERS/Pawan Kumar (INDIA - Tags: POLITICS)

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मायावती पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘अगर वह स्मार्टफोन का एक भी बटन दबा दें या जानती हों उसके बारे में, तो बताएं। वह चाहती ही नहीं कि लोग आगे बढ़ें।’’ उन्होंने आज बहुजन समाज पार्टी मुखिया मायावती पर आरोप लगाया कि उन्होंने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के वोट भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में डलवाए थे । उन्होंने कहा कि वह अपने इस दावे को साबित कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में इस सवाल पर कि जब प्रदेश में सपा की सरकार होती है तो भाजपा की सीटें बढ़ जाती हैं, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वे इसलिये बढ़ जाती हैं क्योंकि बहुजन समाज पार्टी अपना पूरा वोट भाजपा को ट्रांसफर (अंतरित) कर देती है। वोट बूथ पर दिखायी देता है। हम साबित करके बता देंगे कि पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा का वोट भाजपा में ट्रांसफर हुआ था।’
बसपा ने पूरा वोट भाजपा में ट्रांसफर कर दिया
उन्होंने कहा, ‘‘बसपा ने पूरा वोट भाजपा में ट्रांसफर कर दिया। इसी वजह से बसपा रह गयी शून्य पर और भाजपा जीत गयी। उन्हें (मायावती) सोचना चाहिये, विचार करना चाहिये कि प्रदेश के लिये क्या काम किया। मैं कहता हूं कि हमसे उस पार्टी (बसपा) के बारे में ज्यादा सवाल ना किया करें, क्योंकि वह विकास की दुश्मन पार्टी है।’ मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे वक्त आया है जब बसपा मुखिया मायावती खासकर मुसलमानों को अपने पाले में लाने की पुरजोर कोशिश कर रही हैं।
इस बीच, बसपा प्रमुख मायावती ने अखिलेश को जवाब देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव में बसपा ने नहीं, बल्कि सपा ने अपना वोट भाजपा के खाते में डलवाया था। उन्होंने आज यहां जारी एक बयान में कहा कि लोकसभा चुनाव में बसपा ने नहीं, बल्कि सपा ने अपना वोट भाजपा को दिलवाया था। इसी खास वजह से अब सपा की स्थिति काफी खराब हो गयी है, इसीलिये मुख्यमंत्री बार-बार कांग्रेस से गठबन्धन करने की बात कर रहे हैंं।
मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव में एक भी सीट ना जीत पाने के बावजूद वोट प्रतिशत के मामले में बसपा भाजपा और कांग्रेस के बाद तीसरे नम्बर पर है। इस लिहाज से सपा किस पायदान पर है, इस बारे में उसके नेताओं को जनता को बताना चाहिये।अखिलेश ने राजधानी लखनऊ में बसपा सरकार द्वारा बनवाये गये स्मारकों पर धन की बरबादी सम्बन्धी अपनी टिप्पणी पर मायावती की तल्ख टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा, ‘‘मैंने किसी महापुरुष के लिये कुछ नहीं कहा था, मैंने सिर्फ हाथी के बारे में कहा था। आपने तो देख ही लिया होगा कि मायावती ने जो हाथी लगवाये, वे एक इंच भी नहीं हिले।’
मेट्रो को भी वो अपना बताएंगी 
मुख्यमंत्री अक्सर अपने कार्यक्रमों में लखनऊ में मायावती द्वारा बनवाये गये स्मारकों को फिजूलखर्ची बताते रहे हैं। इसके जवाब में मायावती ने गत छह दिसम्बर को लखनऊ में आयोजित रैली में अखिलेश पर दलित वर्ग के महापुरुषों का अपमान करने का आरोप लगाया था। अखिलेश ने मायावती पर हमले जारी रखते हुए कहा, ‘‘हमारी पत्थर वाली सरकार की मालिक (मायावती) कह रही थीं, कि एक्सप्रेस-वे उनका है और मेट्रो परियोजना भी उनकी है…… तो उन्हें रोका किसने था कि मेट्रो ना चालू करें। वह कल को कहेंगी कि लैपटाप भी उनका है और वह स्मार्टफोन भी देने की सोच रही थीं।’

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