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‘स्कूलों में नामांकन स्तर में सुधार, शिक्षा के स्तर में गिरावट’

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नई दिल्ली | भारत के स्कूलों में पिछले 10 सालों में नामांकन स्तर में जहां सुधार हुआ है, वहीं समय के साथ शिक्षा के स्तर में गिरावट आई है। प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की सीईओ रुक्मिणी बनर्जी ने यह बात कही। ‘भारत में शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियां’ विषय पर इंडियन हैबिटेट सेंटर में व्याख्यान देते हुए शनिवार को बनर्जी ने कहा कि शिक्षा पर इतने रुपये खर्च करने के बावजूद शिक्षा के स्तर में सुधार नहीं हो पाया है।
भारत के स्कूलों में नामांकन स्तर 95 फीसदी से भी ऊपर है और अधिक से अधिक बच्चे स्कूलों में अपना बहुत साल बिता रहे हैं। उन्होंने कहा, “बच्चों के सीखने और पढ़ने के साथ साथ अंकगणित के बुनियादी स्तरों में भी कमी आई है। वहीं समय के साथ साथ उनके सीखने के स्तरों में भी गिरावट देखी गई है।” उन्होंने कहा कि पूरे देश में पिछले 10 सालों में 8वें वर्ग में 1.2 से 2.4 करोड़ बच्चों ने नामांकन कराया है। लेकिन उसके मुकाबले स्कूली शिक्षा में समय के अनुसार गिरावट देखी गई है।
बनर्जी ने कहा, “इसके लिए बहुत सारे कारण जिम्मेदार हैं, यहां के स्कूलों में केवल उच्च वर्गो में ही पढ़ाने की प्रवृत्ति है। भारत में भी सिखाने से ज्यादा सिलेबस के अनुसार पढ़ाया जाता है। हमें अन्य देशों के शिक्षा मॉडल के बारे में खुद को शिक्षित करने की जरूरत है और उन्हें अपने संदर्भ में अपनाने की जरूरत है।” उन्होंने कहा, “जब व्यापार और सैन्य सहयोग की बात आती है तो हम अन्य देशों के साथ बेहतर संबंध बनाते हैं, लेकिन शिक्षा के लिए कभी ऐसा नहीं करते।”

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