जयपुर। जयपुर-राजस्थान हाई कोर्ट ने गुर्जर समेत 5 जातियों को विशेष पिछड़ा वर्ग कानून के तहत दिया गया 5 फीसदी आरक्षण पूरे सिरे खारिज कर दिया है। इस बारे में 16 अक्टूबर 2015 का राज्य सरकार का नोटिफिकेशन कोर्ट ने रद्द कर दिया। इस फैसले के बाद गुर्जर समुदाय के लोगों ने दोबारा से आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि हम राज्य सरकार के खिलाफ फिर से लड़ाई शुरू करेंगे।
हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि संविधान के मुताबिक आरक्षण 50 पर्सेंट से ज्यादा नहीं हो सकता लेकिन इस नए कानून से आरक्षण इस सीमा को पार कर जाता है। राज्य सरकार ने पहली बार 2008 में विशेष पिछड़ा वर्ग की नई श्रेणी बनाते हुए 5 प्रतिशत आरक्षण दिया था। इस कानून के बाद राज्य में आरक्षण की सीमा 49 प्रतिशत से बढक़र 54 प्रतिशत हो गई थी। याचिका पर हाई कोर्ट ने सरकार की अधिसूचना को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया। गौरतलब है कि कोर्ट 2009 में भी 50 पर्सेंट की सीमा पार करने के कारण ऐसे आरक्षण कानून पर रोक लगा चुका था। गुर्जरों का आरक्षण आंदोलन कई बार हिंसक हो चुका है। काफी दिनों तक रेल यातायात भी प्रभावित रहा। 2006 के हिंसक आरक्षण आंदोलन में 70 से ज्यादा लोगों की जानें गई थीं। फैसले के बाद सरकार के सामने फिर नई चुनौतियों का दौर शुरू हो जायेगा। जहां एक तरफ राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखना होगा वही दूसरी तरफ गुर्जरों की सरकार की ओर बने रवैये को कायम रखना।