राज्यसभा में नोटबंदी पर हंगामा, कार्यवाही बाधित
नई दिल्ली| राज्यसभा में बुधवार को भी नोटबंदी पर हंगामा जारी रहा, जिसके चलते भोजनावकाश से पहले सदन की कार्यवाही दो बार बाधित हुई। संसद के ऊपरी सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ मिनट बाद ही हंगामे के बीच स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि नोटबंदी के बाद से 80 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने कहा, “मैं पूछना चाहता हूं कि इन मौतों के लिए कौन जिम्मेदार है?” उन्होंने साथ ही कहा कि योजना बिना किसी तैयारी के ही लागू कर दी गई। समाजवादी पार्टी के नरेश अग्रवाल ने भी सरकार पर ‘देश को पंगु’ बनाने का आरोप लगाया।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने भी उनका समर्थन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी के कारण पैदा होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए 50 दिन का समय मांगा था, लेकिन कुछ भी बदलता दिखाई नहीं दे रहा है। मायावती की टिप्पणी के बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। सदन के उप सभापति पी.जे. कुरियन ने सदस्यों से शांत रहने को कहा।
सदन के नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष मुद्दे पर बहस से भाग रहा है। उन्होंने कहा, “मुद्दा बेहद महत्वपूर्ण है और इसलिए (इस पर) बहस पूरी की जानी चाहिए।”
उसके बाद सत्ता पक्ष के सांसदों ने विपक्ष के खिलाफ यह कहते हुए नारेबाजी शुरू कर दी कि ‘अगर उनमें हिम्मत है तो वे बहस होने दें।’ दोपहर में जब सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो सभापति हामिद अंसारी ने सदस्यों से प्रश्नकाल की कार्यवाही शुरू करने को कहा, लेकिन सत्ता पक्ष के सांसदों ने विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। दोनों पक्षों से आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया।
हंगामा जारी रहने के कारण सभापति ने सदन की कार्यवाही अपरान्ह दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।