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आतंकवाद व उसके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई हो : मोदी

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अमृतसर | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन’ में आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए इसे समर्थन तथा वित्तीय मदद देने वालों के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इससे पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र में शांति को खतरा पैदा हो गया है।
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान को पाकिस्तान से जोड़कर देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अमृतसर में आयोजित छठे मंत्री स्तरीय ‘हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन-इस्तांबुल प्रॉसेस ऑन अफगानिस्तान’ के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “हमें आतंकवादी नेटवर्क्‍स को हराने के लिए मजबूत एकजुट इच्छा का प्रदर्शन करना होगा। केवल शांति का समर्थन करना ही पर्याप्त नहीं होगा, बल्कि इसके लिए ठोस कार्रवाई भी करनी होगी।”
मोदी ने कहा, “अफगानिस्तान और हमारे क्षेत्र में आतंकवाद के खिलाफ चुप्पी व निष्क्रियता से आतंकवादियों और उनके आकाओं को केवल प्रोत्साहन मिलेगा।” उन्होंने साथ ही जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान की विकास संबंधी जरूरतों में सहयोग के लिए भारत की द्विपक्षीय और क्षेत्रीय प्रतिबद्धताएं जारी रहनी चाहिए और इसमें वृद्धि भी होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पूर्ण और अटूट है। मोदी ने कहा, “हम हवाई यातायात गलियारे के माध्यम से अफगानिस्तान को भारत से जोड़ना चाहते हैं।” उन्होंने सभी सदस्य देशों से आग्रह किया कि सभी को अफगानिस्तान और क्षेत्र के अन्य देशों के साथ मजबूत सकारात्मक संपर्क कायम करने की दिशा में काम करना चाहिए।
पाकिस्तान की ओर से प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज इस दो दिवसीय सम्मेलन में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि ‘केवल आतंकवादी ताकतों के खिलाफ’ ही कार्रवाई पर्याप्त नहीं होगी, बल्कि दुनिया को ‘उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करने की जरूरत है जो उन्हें समर्थन तथा शरण देते हैं और उनका वित्त पोषण करते हैं।’ सम्मेलन में दक्षिण और मध्य एशिया तथा कई पश्चिमी देशों के नेता शिरकत कर रहे हैं।

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