अन्तर्राष्ट्रीय

कतर व भारत के बीच मधुर व्यापाररिक संबंध: कतर प्रधानमंत्री

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके कतरी समकक्ष शेख अब्दुला बिन नासेर बिन खलिफा अल थानी के बीच  प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शेख अब्दुला बिन नासेर बिन खलिफा अल थानी ने प्रतिनिधमंडल स्तरीय वार्ता की अगुवाई की।”
अल थानी शुक्रवार को भारत के दौरे पर आए। गत दो साल में भारत और इस खाड़ी देश के बीच यह तीसरा उच्च स्तरीय दौरा है। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमाद अल-थानी ने मार्च, 2015 में भारत का दौरा किया था। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल जून महीने में इस खाड़ी देश का दौरा किया था।
भारत के कतर के साथ घनिष्ठ और मित्रवत संबंध हैं, जो आपसी लाभप्रद व्यावसायिक आदान-प्रदान और दोनों देशों के लागों के बीच व्यापक संपर्को पर आधारित हैं।
खाड़ी देशों में कतर न केवल भारत का महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार है, बल्कि एलएनजी का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता भी है। साल 2015-16 में भारत के एलएनजी के कुल आयात में कतर का 66 प्रतिशत योगदान था।  कतर में भारतीय प्रवासियों की संख्या करीब 6,30,000 है।
अल थानी ने शुक्रवार को भारत पहुंचने के तुरंत बाद भारतीय व्यापरियों की एक बैठक को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने द्विपक्षीय आर्थिक एवं व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने की मांग की।
कतरी दूतावास की ओर से यहां जारी एक बयान के अनुसार, भारतीय व्यापारियों की बैठक को संबोधित करते हुए अल थानी ने जोर देकर कहा कि करीब एक सौ साल से भारत और कतर एक ऐतिहासिक मधुर संबंध से बंधे हुए हैं।
उन्होंने कहा कि आर्थिक मुद्दा भारत और कतर के बीच उच्च प्राथमिकताओं में शामिल है, इसलिए विविध और विभिन्न राजनीतिक व्यवस्थाओं के साथ दोनों देश निजी क्षेत्र की भूमिका को मजबूती देने और बिना किसी रोक टोक के उनके नए विचारों को आगे बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं।
अल थानी ने आगे कहा कि भारत कतर के पांच बड़े व्यापारिक भागीदारों में एक माना जाता है। दोनों देशों के बीच के व्यापार 10 अरब डॉलर के पार चले गए हैं।

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