ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन के लिए मिले मुआवजे का ग्रामीणों ने किया विरोध
श्रीनगर गढ़वाल से 12 किलोमीटर दूर डुंगरीपंथ में प्रस्तावित ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की एवज में मिलने वाले मुआवजे का प्रभावित ग्रामीणों ने विरोध किया है.रेल लाइन से प्रभावित होने वाली ग्रामीण जनता ने रेलवे अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन की मौजूदगी में हुई जनसुनवाई में इसका तीखा विरोध किया. ग्रामीणों का कहना है कि सर्किल रेट पर दिया जाने वाला भूमि का मुआवजा ना के बराबर है इसलिए वे इसका विरोध करेंगे.
ग्रामीणों की मांग है कि रेलवे विभाग जमीन के बदले जमीन, मकान के बदले मकान और पक्का रोजगार भी दे. जनसुनवाई के दौरान जैसे ही ग्रामीणों ने भूमि के बदले मिलने वाले मुआवजे को लेकर जानकारी मांगी तो प्रशासन की ओर से गांव में भूमि के सर्किल रेट ग्यारह हजार चौर सौ रुपए बताने पर ग्रामीण भड़क उठे.मौके पर मौजूद रेलवे के उप महाप्रबंधक पी.पी.बडोगा ने कहा कि सर्किल रेट के अनुसार भूमि का मुआवजा तयशुदा रेट से चार गुना बढ़ाकर दिया जाएगा. ग्रामीणों का कहना है कि बताए गए सर्किल रेट के हिसाब से तो उन्हें मुआवजा मात्र 44000 रुपए ही मिलेगा जबकि उनकी भूमि और भवन के रेलवे लाइन में जाने पर उन्हें लाखों रुपए का नुकसान होगा.
ग्रामीणों का कहना है कि भूमि और भवन के जाने के साथ सिंचित भूमि से जुड़ा रोजगार भी खत्म होगा, ऐसे में रेलवे विभाग उन्हें स्थायी रोजगार भी दे जिससे उनकी आजीविका भी प्रभावित न हो. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि रेलवे उन्हें श्रीनगर या श्रीकोट में भूमि और मकान दे.
रेल विकास निगम के उप महाप्रबंधक पी.पी.बडोगा ने कहा कि भूमि की एवज में स्थायी रोजगार का कोई प्रावधान ही नहीं है. हालांकि उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन निर्माण के दौरान अस्थायी तौर पर ग्रामीणों को रोजगार दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सर्किल रेट और ग्रामीणों की मांग के मुताबिक भूमि के मुआवजे का मामला प्रशासन को देखना है, लेकिन अभी कई बैठकें ग्रामीणों के साथ होनी बाकि हैं.