यूनेस्को वर्ल्ड कल्चरल फोरम में भारत को रिप्रेजेंट करेंगे उत्तराखंड के रितेश
संस्कृतियों के हक में दिए गए उनके दो सुझावों को यूनेस्को ने मानते हुए इसकी विधिवत घोषणा कर दी है। अब उनके इन सुझावों पर पूरी दुनिया में अमल किया जाएगा। रितेश इस फोरम में शामिल होने वाले अकेले भारतीय हैं।
इंडोनेशिया के बाली में यूनेस्को की ओर से वर्ल्ड कल्चरल फोरम में 60 से अधिक देश अपनी संस्कृति की झलक पेश कर रहे हैं। भारत से रुड़की निवासी रितेश गर्ग इस फोरम में शामिल होने वाले अकेले भारतीय हैं।
रितेश ने फोरम में दो प्रमुख मुद्दे उठाए, जिस पर यूनेस्को ने हरी झंडी दे दी है। पहला मुद्दा दुनियाभर की संस्कृतियों की एक डायरेक्टरी बनाने का उठाया।
अब पूरी दुनिया की संस्कृतियों की एक डायरेक्टरी बनाई जाएगी। जिससे किसी को भी एक ही किताब से पूरी दुनिया को जानने का मौका मिलेगा। रितेश ने दूसरा मुद्दा विलुप्त हो रही संस्कृतियों को सहेजने का उठाया। उन्होंने सभी देशों की विलुप्त होनी वाली संस्कृतियों के रिहेबिलिटेशन करने की मांग की। जिसे यूनेस्को ने मान लिया।
सिविल सेवा में कामयाबी के साथ ही बैंक पीओ की नौकरी छोड़कर रुड़की के मंगलौर निवासी रितेश गर्ग अब प्रदेश का पलायन रोकने की मुहिम में लगे हैं। रितेश लगातार चार साल से प्रदेश में युवा प्रेरणा यात्रा के माध्यम से स्टार्टअप कराकर गांव के लोगों को अपने उद्यम स्थापित कराने को प्रेरित कर रहे हैं।
उनकी इस यात्रा से अब तक प्रदेश में 35 लोग अपने उद्यम स्थापित कर पलायन करने वालों को वापस बुला चुके हैं। अपने इस अभियान को अंजाम तक पहुंचाने के लिए रितेश ने आई फोर नेशन फाउंडेशन की स्थापना की गई है। इससे हजारों युवा जुड़ा हैं।