केंद्र का बड़ा फैसला… नहीं दिखाए जाएंगे सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत
केंद्र की मोदी सरकार ने आतंकियों के खिलाफ पीओके में की गई सेना की सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत सार्वजनिक नहीं करने का फैसला किया है। इसके पीछे सरकार का तर्क यह है कि सबूत सार्वजनिक करने से पाकिस्तान की सेना पर दबाव बढे़गा।
एक अंग्रेजी समाचार पत्र में छपी खबर के अनुसार, सरकार से जुडे़ बड़े सूत्रों का कहना है कि युद्ध में भारत की कोई रूचि नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम लडेंगे नहीं। अगर हम पर युद्ध थोपा जाता है तो हम उसे जरूर जीतेंगे।
सर्जिकल स्ट्राइक पर भारत की राजनयिक सफलता को बताते हुए सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के सबसे बड़े सहयोगी चीन समेत किसी भी देश ने पीओके में भारत की इस कार्रवाई पर आपत्ति नहीं जताई है। अधिकतर बयान भारत के समर्थन में हैं, उनमें इस्लामिक देश भी शामिल हैं।
सूत्रों ने बताया कि सेना की सर्जिकल स्ट्राइक से पहले अमेरिका को सरकार ने कोई सूचना नहीं दी थी। सूत्रों का कहना है कि उस दिन अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार सुसैन राइस और अजित डोभाल के बीच फोन पर बातचीत हुई थी लेकिन उस समय भी सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं दी गई थी।
गौरतलब है कि उरी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पीओेके में घुसकर आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाया था, जिसमें 50 आतंकियों के मारे जाने का दावा किया गया। सेना के ऑपरेशन में सात आतंकी ठिकानों को तहस नहस कर दिया गया।
उरी हमले के बाद से भारत लगातार वैश्विक मंच पर आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को बेनकाब करता रहा है